रायपुर। जिम्मेदार अधिकारी कितने अपनी जबावदारी के प्रति जिम्मेदार होते हैं, इसका उदाहरण टाउन प्लानिंग विभाग है. जांच में राजधानी रायपुर के लिए बनाए गए मास्टर प्लान में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आने के बाद भी जो स्थित है, उसे देखकर आप केवल अपना सिर पिट सकते हैं.

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यह कहानी पिछली कांग्रेस सरकार का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रदेश में भाजपा के सत्तारुढ़ होने के साथ शुरू होती है. राजधानी के लिए बनाए गए मास्टर प्लान को लेकर शिकायतों को देखते हुए पिछले साल मई में जांच की घोषणा की गई थी. टाउन प्लानिंग के आला अफसरों ने इसकी जांच की. करीब तीन महीने की जांच के बाद समिति ने रिपोर्ट टाउन प्लानिंग के तत्कालीन डायरेक्टर सौरभ कुमार को सौंप दी थी.

रिपोर्ट की समीक्षा के बाद इसे कैबिनेट में पेश करना था, लेकिन उसी दौरान टाउन प्लानिंग के डायरेक्टर बदल गए. नए डायरेक्टर अवनीश कुमार शरण के समक्ष जांच रिपोर्ट सबमिट की गई तो उन्होंने नए सिरे से समीक्षा का फरमान जारी कर दिया. उन्होंने अफसरों से कहा है कि वे जल्द ही इस संबंध में बैठक लेंगे. रिपोर्ट की फिर समीक्षा होने से फिलहाल कैबिनेट को नहीं सौंपी जाएगी. इस वजह से मास्टर प्लान में बदलाव फिलहाल अटक गया.

अब नया मास्टर प्लान लागू नहीं होने की वजह से अभी शहर में जितनी भी योजनाएं बन रही हैं वे अफसर अपने हिसाब से बना रहे हैं. इसके अलावा मास्टर प्लान में जिन लोगों की जमीन प्रभावित हुई हैं उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है. उनका कहना है कि प्लान में संशोधन की वजह से वे अपनी ही जमीन की खरीदी-बिक्री तक नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. यहां तक यह भी तय नहीं है कि मास्टर प्लान में आम लोगों से दावा-आपत्ति कब मंगाई जाएगी.

रिपोर्ट आने के बाद एक भी बैठक नहीं

मास्टर प्लान में संशोधन को लेकर विभाग के अफसर कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद एक भी बार अफसरों की बैठक तक नहीं ली गई. अभी तक यह भी तय नहीं है कि मास्टर प्लान में जो संशोधन का प्लान दिया गया है, उसे जस का तस माना जाएगा या नहीं.

मास्टर प्लान में गड़बड़ी करने वाले एक भी अफनर या कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्हें किसी भी तरह का नोटिस तक नहीं दिया गया है. इस वजह से अफसर भी इसे लेकर बेखौफ हैं. हालांकि, विभागीय मंत्री ओपी चौधरी का दावा है कि मास्टर प्लान में गड़बड़ी करने वालों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.