रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश के धार भोजशाला में आज महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति ने मातृशक्ति सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें मां वाग्देवी के तेल चित्र को युवतियों और महिलाओं द्वारा घंटी-घड़ियाल बजाते हुए भोजशाला में लाया गया। इसके बाद तेल चित्र को भोजशाला के गर्भगृह में स्थापित किया गया।
हुआ भव्य स्वागत
भारती दीदी ने मां वाग्देवी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका परिचय दिया गया। साथ ही उनका भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान भारती दीदी ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए जागरूकता का संदेश दिया। इसके बाद महाआरती का की गई। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और युवतियों ने भाग लिया।
महिलाओं को किया जागरूक
वहीं भारती दीदी ने कहा कि, महिलाओं को जागरूक होना होगा। उन्होंने धर्म, मत और पंथ में अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि एक ही धर्म है, सनातन धर्म, बाकी सभी मत और पंथ मात्र धार्मिक विचारधाराएं हैं। उन्होंने कुटुंब व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि हम दो हमारे चार होना चाहिए, या कम से कम हम दो हमारे दो तो अवश्य होने चाहिए। भारती दीदी ने सावित्री का उदाहरण देते हुए कहा कि सावित्री यमराज से अपने पति को वापस ले आई थीं। हम तो नारी हैं, मातृशक्ति हैं। यदि धार की मातृशक्ति जागृत हो जाए, तो लंदन कुछ हजार किलोमीटर ही दूर है, मां वाग्देवी को पुनः भोजशाला में लाने में देरी क्यों होगी?
इसके साथ ही भारती दीदी ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि, हमें डिस्पोजल वस्तुओं से दूरी बनानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने परिवारों के विघटन पर चिंता जताते हुए कहा कि आजकल DINK यानी Double Income No Kids का प्रचलन बढ़ रहा है, जिसे रोकना होगा। हमें अपने बच्चों, परिवारों, पड़ोसियों और समाज को जागरूक करना होगा।
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