अमृतांशी जोशी, भोपाल। सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को धमकाने का मामला एमलैट (म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी) के नियमों में उलझ गया है। यूएई की कंपनी ने म्यूच्यूअल लीगल असिस्टेंट का हवाला देते हुए जानकारी देने से इंकार कर दिया है। साध्वी को धमकाने वाले व्यक्ति के मोबाइल का आईपी और सर्वर यूएई का शो रहा है। भोपाल साइबर क्राइम ने संबंधित कंपनी से जानकारी मांगी थी। लेकिन कंपनी ने म्यूच्यूअल लीगल असिस्टेंट का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। अब साइबर क्राइम को PHQ और CID के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से जानकारी मांगनी होगी।

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बता दें कि 18 जून को भोपाल की बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी देने वाले ने खुद को दाऊद के भाई इकबाल कासकर का आदमी बताया था। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर शुक्रवार की देर रात जब कार्यालय से घर लौटी थी; तभी उन्हें फोन पर धमकी दी थी।

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इकबाल कासकर भगोड़े गैंगस्टर और मुंबई बम धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता दाऊद इब्राहिम का भाई है। वीडियो में भी सुना जा सकता है कि साध्वी प्रज्ञा फोन करने वाले शख्स से पूछती हैं कि तुम मेरी हत्या क्यों करना चाहते हो तो शख्स ने कहा कि जब मारेंगे तब बताएंगे। ऐसे में साध्वी ने फिर से पूछा कि आखिर कारण तो बताओ मैंने किया क्या है? इस सवाल पर धमकी देने वाले शख्स ने कहा कि मुझे केवल सूचना देनी थी, इसलिए दे दी। मुसलमानों को निशाना बनाती हो और उनके खिलाफ जहर उगलती हो इसलिए ही हत्या कर देंगे। इस साध्वी ने भी कहा कि ऐसी धमकियों से उन्हें फर्क पड़ता। यह पहली बार नहीं है कि जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जान से मारने की धमकी दी गई हो, इससे पहले भी उन्हें कई बार हत्या की धमकी मिल चुकी है।

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क्या होता है एमलैट के नियम

एमलैट यानी म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी। दो देशों के बीच क्रिमिनल केस से जुड़े डेटा का लेन-देन इसी संधि के तहत किया जाता है। सांसद को धमकाने वाले ने जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है वह यूएई का है। इसका आईपी और सर्वर भी यूएई का ही शो हो रहा है। कंपनी ने म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी का हवाला देते हुए ही जानकारी देने से इंकार कर दिया है।

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