अभय मिश्रा, मऊगंज। मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जहां तीज के पावन पर्व पर खुशियों का माहौल मातम में बदल गया। एक मां ने अपनी ममता का ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं।

मंदिर से लौटने के दौरान सड़क हादसा
मऊगंज के पहाड़ी निरपति सिंह गांव में तीज मनाने आईं 25 वर्षीय सुमन साकेत अपने परिवार के साथ रतनगवां के राधा कृष्ण मंदिर में लगे मेले से लौट रही थीं। ऑटो जैसे ही गोदरी पहाड़ी के पास पहुंचा, चालक का संतुलन बिगड़ा और ऑटो पलट गया। हादसे में सुमन समेत कई लोग दब गए। स्थानीय लोग तुरंत दौड़े और सभी को बाहर निकालकर मऊगंज सिविल अस्पताल पहुंचाया।

मां ने ऐसे ढका कि बच्चे को नहीं आई खरोंच
डॉक्टरों ने जांच के बाद सुमन को मृत घोषित कर दिया। वहीं उसकी भाभी ममता साकेत और बच्चे घायल हैं, जिनका इलाज आज भी जारी है। लेकिन इस पूरे हादसे में सबसे भावुक करने वाली तस्वीर थी- मां का बलिदान और ममता की जीत। सुमन अपनी तीन महीने के मासूम को सीने से चिपका कर बैठी थी। जब ऑटो पलटा, तो उन्होंने बच्चे को ऐसे ढक लिया कि उसे खरोंच तक नहीं आई।

मां ने गंवाई जान लेकिन मासूम की बचा ली जिंदगी
इस घटनाक्रम के दौरान अस्पताल से दिल को झकझोर देने वाला नजारा दिखा जब एक बिस्तर पर निश्चल पड़ी मां थी और पास ही मासूम बच्चा, जो अपनी मासूम आंखों से मां को ढूंढ रहा था। रो भी नहीं पा रहा था, बस हाथ-पांव हिलाकर मां की तलाश कर रहा था।
मौत की खबर मिलते ही गांव में पसरा मातम
गांव में खबर पहुंचते ही कोहराम मच गया। तीज जैसे पावन पर्व पर इस हादसे ने सबको स्तब्ध कर दिया। हर जुबान पर एक ही बात थी- “मां ने बच्चे को बचा लिया… पर बच्चा अब मां के बिना कैसे जीएगा?”
यह सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि मां की ममता और बलिदान की अमर कहानी है। एक मां खुद जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन अपने लाडले को सुरक्षित छोड़ गई।
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