अभय मिश्रा, मऊगंज। मध्य प्रदेश के मऊगंज में किसानों और आम जनता की समस्याओं समेत पत्रकारों पर फर्जी एफआईआर को लेकर कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन किया। पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए चेतावनी दी। पूर्व विधायक ने कहा कि अगर 7 दिन के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ और पत्रकारों पर दर्ज फर्जी FIR वापस नहीं ली गई तो 7 सितम्बर को मुख्यमंत्री का घेराव और जेल भरो आंदोलन होगा।
‘पत्रकार पर FIR कर लोकतंत्र की हत्या’
जिला कांग्रेस ने प्रशासन पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए गडरा कांड की सीबीआई जांच और अपराध नियंत्रण के लिए स्पेशल सेल की मांग भी की। सबसे बड़ा आरोप पत्रकारों पर दर्ज फर्जी FIR को लेकर लगाया गया। कांग्रेस ने कहा- अस्पताल की बदहाली उजागर करने वाले न्यूज 24 और लल्लूराम डॉट कॉम के पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कर लोकतंत्र की हत्या की गई है। ज्ञापन में 7 दिन में जांच कर प्रकरण खत्म करने की मांग की गई, अन्यथा बड़ा आंदोलन होगा।
सीएम घेराव की चेतावनी
कलेक्टर से मुलाकात न होने पर कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर धरने पर बैठ गए। बाद में कलेक्टर और एसपी ने ज्ञापन लिया। पूर्व विधायक बन्ना ने चेतावनी दी कि अगर समाधान नहीं हुआ तो 7 सितम्बर को पिकनिक मनाने मऊगंज के बहुती प्रपात आ रहे मुख्यमंत्री मोहन यादव का घेराव करूंगा।
पूर्व मंत्री ने कहा- जांबाज पत्रकारों को डराने की कोशिश
अस्पताल की बदहाली की तस्वीर दिखाने पर पत्रकार के खिलाफ फर्जी FIR की घटना को पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने जांबाज पत्रकारों को डराने की कोशिश बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मऊगंज में नईगढ़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न डॉक्टर हैं, न दवाई, न कोई ढांचा। जब मऊगंज के 3 जांबाज पत्रकारों ने इस बदहाली की पोल खोली तो भाजपा सरकार ने उन पर फर्जी FIR करवाई तथा मौजूदा सरकारी अधिकारियों ने पत्रकारों के साथ अश्लील भाषा का प्रयोग और शारीरिक अत्याचार तक किया।’

चौथे स्तंभ को दबाने की कोशिश
पूर्व मंत्री ने आगे लिखा, ‘आज पूरे प्रदेश में भाजपा सच से इतनी डरी हुई है कि चौथे स्तंभ की आवाज़ दबाने पर उतारू हो गई है। जहां राष्ट्रीय मीडिया सरकार की वाहवाही में व्यस्त है। वहीं यही ज़मीनी पत्रकार लोकतंत्र को बचाए हुए हैं। लेकिन भाजपा सरकार लगातार हमारे चौथे स्तंभ को डराने-धमकाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस पार्टी इस कृत्य का कड़ा विरोध करती है और प्रशासन से मांग करती है कि फर्जी मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं और पत्रकारों को न्याय दिलाया जाए।’
इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
दरअसल, कांग्रेस ने किसानों को खाद-बीज की किल्लत, आवारा मवेशियों से फसल नुकसान, बिजली बिल घोटाले, खराब ट्रांसफार्मर, नल-जल योजना में भ्रष्टाचार और मुआवजा न मिलने जैसे मुद्दों को उठाया। आरोप लगाया कि नल-जल योजना में पाइपलाइन तो डाली गई, लेकिन घरों तक पानी नहीं पहुंचा, सड़कें खुदी रह गईं और जनता परेशान है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, मऊगंज जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नईगड़ी के हालात बद से बदतर हे। पूरा अस्पताल खाली पड़ा था। यहां न डॉक्टर, न नर्स और न दवा मौजूद थी। गर्भवती महिलाएं तीन दिन से आयरन की गोली और ड्रिप के लिए अस्पताल के चक्कर काट रही थीं, लेकिन उन्हें इलाज तक नसीब नहीं हुआ। एक और मरीज तीन घंटे तक अस्पताल में बैठा रहा, लेकिन किसी डॉक्टर ने देखना तक ज़रूरी नहीं समझा।
हद तो तब हो गई, जब लोगों ने कहा कि अस्पताल का माली ही मरीजों की पट्टी और टांके लगाता है। यानी अस्पताल में इलाज भगवान भरोसे और माली के सहारे चल रहा है। लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। जब मीडिया ने इस लापरवाही की हकीकत दिखाने का प्रयास किया, तो अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉ. पुष्पेंद्र मिश्रा बौखला गए। उन्होंने पहले कैमरे के सामने मीडियाकर्मी का हाथ पकड़कर अभद्र व्यवहार किया, अपशब्द कहे और खबर न चलाने की धमकी दी। जब दबाव में आने से इनकार कर दिया, तो डॉक्टर ने उल्टा मीडियाकर्मी के खिलाफ थाने में जाकर फर्जी शिकायत दर्ज करा दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि रिपोर्टर धमकी दे रहा था।
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