Jammu-Kashmir: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) तीन दिनों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर है. शाह के दौरे के बीच अलगावादी गुटों को बड़ा झटका लगा है. साेमवार को तीन अलगाववादी संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग करने का ऐलान किया. इसे लेकर लखनऊ से शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद (Kalbe Jawad) का बड़ा बयान सामने आया है. शिया धर्म गुरु ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, हम इसका इस्तेकबाल करते हैं. हमने कई बार कहा है कि कश्मीर हमारे दिल का टुकड़ा है, हम चाहते हैं कि पाकिस्तान (Pakiastan) फिर से भारत में शामिल हो जाए.

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कश्मीर में 3 बड़े संगठनों के हुर्रियत छोड़ने पर कल्बे जवाद ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि ये बहुत अच्छा हुआ और हम इसका स्वागत करते हैं. हमने कई बार कहा है कि कश्मीर हमारे दिल का टुकड़ा है. जो लोग चाहते थे कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बन जाए वो गलत थे.

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अलगाववादियों पर निशाना साधते हुए शिया धर्म गुरु ने मौलाना कल्बे जवाद ने कहा, जो लोग चाहते थे कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बन जाए वो लोग गलत थे. उन्होंने कहा, हमने हमेशा इस बात का समर्थन किया है कि कश्मीर हमेशा भारत का ही पार्ट रहना चाहिए. हम भारतीय हैं और अपने देश के प्रति वफादार हैं. भारत ही हमारा देश है. उन्होंने आगे कहा, हम चाहते हैं कि पाकिस्तान भी भारत का हिस्सा बन जाए क्योंकि वो हमारे भी शरीर का हिस्सा है. घाटी में जिन भी संगठनों ने हुर्रियत का साथ छोड़ा है हम उन सबका स्वागत करते हैं. और सही कदम उठाने के लिए उनकी तारीफ करते हैं.

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इन संगठनों हुर्रियत से तोड़ा नाता

जम्मू-कश्मीर के तीन वरिष्ठ अलगाववादी नेता जिनमें हकीम अब्दुल रशीद, मोहम्मद यूसुफ नकाश और बशीर अहमद अंद्राबी ने भी अलगाववाद को त्याग दिया और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अलग-अलग धड़ों से खुद को अलग कर लिया. बता दें कि मोहम्मद यूसुफ नकाश जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी के प्रमुख थे, जबकि हकीम अब्दुल रशीद जम्मू कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग के अध्यक्ष थे और बशीर अहमद अंद्राबी कश्मीर फ्रीडम फ्रंट का नेतृत्व करते थे.

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तीनों नेताओं ने अलग-अलग लेकिन लगभग एक समान बयान में भारत के संविधान के प्रति अपनी निष्ठा जताई और अलगाववादी एजेंडे से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया. कश्मीर घाटी में इससे पहले भी भारत विरोधी समूह के 23 में से 11 सदस्यों ने खुद को इस समूह से अलग कर लिया था.

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