Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या और महाकुंभ का स्नान सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है. यदि आप महाकुंभ में स्वयं उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं, तो इन उपायों को अपनाकर आप घर पर भी पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं. यदि गंगा या संगम तक पहुंच पाना संभव नहीं है, तो अपने क्षेत्र की किसी पवित्र नदी, तालाब, या सरोवर में स्नान करें. नर्मदा, गोदावरी, यमुना, या कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी माना गया है.
इन उपायों को अपनाकर आप महाकुंभ का पुण्य लाभ घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं. श्रद्धा और आस्था के साथ किया गया यह स्नान आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएगा. जानिए उपाय…
गंगाजल का उपयोग करें
अपने स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं. यदि गंगाजल उपलब्ध न हो, तो यमुना, गोदावरी, या किसी अन्य पवित्र नदी का जल मिलाएं. माघ माह के दौरान स्नान करते समय पानी में हल्दी, कपूर, तिल का तेल, या गंगाजल मिलाएं. यह उपाय न केवल शारीरिक, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि के लिए भी उपयुक्त है.
Mauni Amavasya: पवित्र मंत्रों का जाप करें
स्नान करते समय निम्न मंत्र का जाप करें: गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति.
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू : यह मंत्र आपके स्नान को आध्यात्मिक रूप से प्रभावी बनाता है और पुण्यफल प्रदान करता है. स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.
दान और पूजा (Mauni Amavasya)
स्नान के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें. यह कार्य पुण्यफल को कई गुना बढ़ा देता है. स्नान के बाद भगवान के सामने दीप जलाएं और भजन-कीर्तन करें. यह मन को शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है.
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