Mauni Amavasya: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. यह दिन पितरों की पूजा, गंगा स्नान और दान देने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन मौन व्रत और ध्यान करने से मन को शांति और आध्यात्मिक प्रगति मिलती है.
गंगा जल को अमृत के समान पवित्र मानते हुए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. मौनी अमावस्या प्रयागराज में सबसे महत्वपूर्ण गंगा स्नान दिवस है जिसे अमृत योग दिवस के रूप में जाना जाता है.
मौनी अमावस्या की तिथि
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 28 जनवरी 2025, शाम 7:25 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी 2025, शाम 6:05 बजे, उदय तिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी.
स्नान का शुभ समय (Mauni Amavasya)
- ब्रह्म मुहूर्त स्नान समय: सुबह 5:25 से 6:18 तक3
इस दौरान पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि गंगा नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें.
Mauni Amavasya का महत्व
- गंगा स्नान: प्रयागराज संगम में स्नान विशेष फलदायी है.
ऐसा माना जाता है कि इस दिन महाकुंभ मेले में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- पैतृक प्रसाद और दान: इस दिन अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए दान करना शुभ माना जाता है.
ज़रूरतमंदों को भोजन, कपड़े और पैसे दान करें.
- मौन व्रत: चुप रहो और आत्मनिरीक्षण करो. यह व्रत मन को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें. यदि आप स्नान करने में असमर्थ हैं तो घर पर ही स्वच्छ जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें, विष्णुजी की पूजा करें, तुलसी माता का भी आशीर्वाद लें, पीपल के पेड़ की विधिवत पूजा करें. अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनका ध्यान करें और जरूरतमंदों को दान दें.
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