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लखनऊ. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अमेरिका की ओर से भारत को दी जाने वाली मदद को रोकने के फैसले के बाद बड़ा दावा किया है. उन्होंने भारत के चुनावों में अमेरिका के हस्ताक्षेप की आशंका जताई है. उन्होंने कहा है कि ‘वोटरों की संख्या को बढ़ाने” के नाम पर 21 मिलियन डालर की भारी भरकम धन राशि मिलती रही है. देश के लोगों को इससे जरूर चौकन्ना हो जाना चाहिए कि कहीं यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में हस्तक्षेप तो नहीं है और अगर है तो इससे किसको लाभ मिलता रहा है’.
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बसपा ने इसे लेकर एक विज्ञप्ति जारी की है. जिसके मुताबिक मायावती ने कहा है कि इसी सिलसिले में अमेरिका में अवैध प्रवासी बताकर सैकड़ों भारतीयों को हथकड़ी और पांव में बेड़ी डालकर लगातार घर वापस किए जाने की घटना को अति दुखद व चिन्तनीय बताया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे “मित्र देश से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश आदि राज्य के रहने वाले भारतीय नागरिकों की इस अमानवीयता से घर वापसी के प्रति केन्द्र की सरकार को उचित संज्ञान लेकर इसका समाधान निकालना चाहिए.
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अमेरिका ने रद्द की फंडिंग
दरअसल, अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग ने भारत के चुनाव से जुड़ी 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद्द कर दिया है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि भारत में भी इसकी जांच होनी चाहिए.
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