लखनऊ. मायावती ने साधु-संतों को एक सलाह दी है. उन्होंने भीमराव अंबेडकर को लेकर कुछ साधु-संतों की ओर से की जाने वाली टिप्पणियों का विरोध किया है. मायावती ने कहा है कि साधु-सन्त बाबा साहब की विद्वता के मामले में कुछ भी नहीं हैं. इसलिए इस बारे में कुछ भी कहने से पहले इनको जरूर बचना चाहिए.
मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर लिखा है कि ‘जैसाकि विदित है कि आएदिन सुर्खियों में बने रहने हेतु विवादित बयानबाज़ी करने वाले कुछ साधु-सन्तों को परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के भारतीय संविधान के निर्माण में रहे उनके अतुल्य योगदान के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण इनको इस बारे में कोई भी ग़लत बयानबाज़ी आदि करने की बजाय यदि वे चुप रहें तो यह उचित होगा.’
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मायावती ने आगे लिखा कि ‘साथ ही, बाबा साहेब के अनुयायी, मनुस्मृति का विरोध क्यों करते हैं? उसे भी इनको अपनी जातिवादी द्वेष की भावना को त्याग कर ज़रूर समझना चाहिये. इसके साथ-साथ, इन्हें यह भी मालूम होना चाहिये कि बाबा साहेब महान् विद्वान व्यक्तित्व थे. इस मामले में कोई भी टीका-टिप्पणी करने वाले साधु-सन्त, इनकी विद्वता के मामले में कुछ भी नहीं हैं. अतः इस बारे में भी कुछ कहने से पहले इनको ज़रूर बचना चाहिये, यही नेक सलाह.’
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