लखनऊ. बसपा अध्यक्ष मायावती ने देश और उत्तर प्रदेश में रोजगार की स्थिति पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि विकास दर के दावे के हिसाब से नौकरी क्यों नहीं मिल रही है.
मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि देश में रोजगार का घोर अभाव ही नहीं बल्कि अमीर व गरीबों के बीच बढ़ती खाई अर्थात देश में पूंजी के असामान्य वितरण से आर्थिक गैर-बराबरी के रोग के गंभीर होने से जन व देशहित प्रभावित, जो अति चिन्तनीय. देश में विकास दर के दावे के हिसाब से यहाँ उतनी नौकरी क्यों नहीं? इसके लिए दोषी कौन?
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बसपा प्रमुख ने लिखा कि इसी क्रम में यूपी सरकार द्वारा भारी भरकम विज्ञापनों के जरिए यह दावा कि यहां रोजगार की बहार, वास्तव में इनके अन्य दावों की तरह ही यह जमीनी हकीकत से दूर हवाहवाई ज्यादा. पेट भरने के लिए मेहनत व जैसा-तैसा स्वरोजगार को भी अपनी उपलब्धि मानना बेरोजगारी आदि की समस्या का समाधान नहीं.
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उन्हाेंने लिखा कि लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले यूपी में 6.5 लाख प्लस सरकारी नौकरी का दावा क्या ऊंट के मुंह में ज़ीरा नहीं? इसी प्रकार केन्द्र में भी स्थाई नौकरियों का बुरा हाल है जहां पद खाली पड़े हैं. इससे SC, ST, OBC आरक्षण का कोटा भी प्रभावित है. अपार बेरोजगारी के मद्देनजर सही समाधान जरूरी.
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