लखनऊ. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में बीते रोज सतनामी समाज के लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. उस दौरान सतनामी समाज ने कलेक्ट्रर ऑफिस व एसपी ऑफिस को आग के हवाले कर दिया था. मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुईं. अब इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती सतनामी समाज के समर्थन में उतर आईं हैं. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए सतनामी समाज के लोगों के ऊपर हो रहे मारपीट पर रोक लगाने की बात कही है.

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक्स पर लिखा, “उक्त घटना की आड़ में शासन प्रशासन द्वारा निर्दोष सतनामी समाज के लोगों की गिरफ्तारी व मारपीट के ऊपर रोक लगाई जाये तथा उन्हें बिना शर्त तत्काल रिहा किया जाये व असली दोषियों के ऊपर जांच कर कार्यवाही की जाये.”

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मायावती ने कहा, ”इसके विरोध में सतनामी समाज द्वारा CBI जांच की मांग को लेकर बलौदा बाजार में किये गये धरना प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर परिसर में षड्यंत्रकारी असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़-फोड़ आदि की घटना भी अति निदंनीय है. उक्त घटना की आड़ में शासन प्रशासन द्वारा निर्दोष सतनामी समाज के लोगों की गिरफ्तारी व मारपीट के ऊपर रोक लगाई जाये तथा उन्हें बिना शर्त तत्काल रिहा किया जाये व असली दोषियों के ऊपर जांच कर कार्यवाही की जाये.”

दरअसल, सतनामी समाज के आस्था का केंद्र जय स्तंभ गिरौदपुरी में बना हुआ है. जिसको कुछ आसामाजिक तत्वों ने काटकर फेक दिया था. जिसके बाद सतनामी समाज ने उग्र प्रदर्शन किया. इस घटना में सीबीआई जांच की मांग अब भी जारी है. अब इस आंदोलन को देश के जाने माने नेता समर्थन कर रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सतनामी समाज का समर्थन करते हुए एक्स पर पोस्ट किया है.

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आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज के प्रदर्शन की आवाज देश में भी गूंजने लगी है. देश के कुछ नेता आदोलन का समर्थन करते नजर आ रहे है. जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती, आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद शामिल है. इन दोनों ने बलौदाबाजार की घटना पर अपनी चिंता जाहिर की है.

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गौरतलब है कि सतनामी समाज का आंदोलन अब भी जारी है. सतनामी समाज द्वारा लगातार आसामाजिक तत्वों द्वारा किए तोड़फोड़ पर सीबीआई जांच की मांग कर रही है. लेकिन धरना प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रर परिसर में आसामाजिक तत्वों के माध्यम से जो तोड़फोड़ हुए उसमें शासन प्रशासन निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर मारपीट कर रही है. जिस पर रोक के लिए अब आवज उठने लगी है.