लक्षिका साहू, रायपुर। नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब भाजपा और कांग्रेस में दावेदारी की रेस शुरू हो चुकी है. रायपुर नगर निगम में महापौर की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है ऐसे में दोनों ही पार्टियों की नेत्रियां खुलकर पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी रख रही है. इनमें कुछ नाम कुछ नाम खुलकर सामने आए है वही कुछ नामों की संगठन में चर्चा तेज हो चुकी है. यह भी पढ़ें : महापौर के लिए कांग्रेस नेताओं की पत्नियों की दावेदारी का विरोध, महिला कांग्रेस ने PCC चीफ को लिखा पत्र, कहा – सक्रिय कार्यकर्ताओं को दें प्राथमिकता

 किस पार्टी से कौन कर रहा दावेदारी, किसकी दावेदारी सबसे मज़बूत 

भारतीय जनता पार्टी

 मीनल चौबे
निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका सक्रियता से निभायी है. संगठन की राजनीति में सक्रिय हैं. सामान्य महिला में इनकी दावेदारी सबसे मज़बूत मानी जा रही है. 

शैलेंद्री परगनिहा 

संगठन में शैलेंद्री परगनिहा का नाम चर्चे में है. अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सदस्य है. 25 साल से भी अधिक समय से राजनीति में सक्रिय है. संगठन में पार्षद, ज़िलाध्यक्ष, महामंत्री जैसे अहम भूमिका में रही है. दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा है कि टिकट के लिए मज़बूत दावेदारी है, पार्टी ने मौक़ा दिया तो ज़रूर चुनाव लड़ेंगे और जिसे भी टिकट मिलेगी उनके लिए डटकर काम करेंगे. 

वर्णिका शर्मा 

संगठन में सक्रिय है. संगठन के मुद्दों को प्रमुखता से रखती आई हैं. पार्टी में वर्णिका शर्मा का नाम भी चर्चे में है. संघ से जुड़ी वर्णिका शर्मा नक्सल विषयों पर मुखर रही हैं. संगठन में इनके नाम की चर्चा है. हालाँकि, इन्हें इसकी जानकारी अब तक नहीं है.

शताब्दी पांडेय

संगठन और संघ से जुड़ी हुई है. छात्र राजनीति से सक्रिय है, कई अहम भूमिका में रही है. शताब्दी पांडेय का भी नाम सुर्ख़ियों में है, बातचीत में उन्होंने महापौर के टिकट की स्वाभाविक दावेदारी पेश की है और कहा है कि संघ और संगठन जो ज़िम्मेदारी देगी उसे निभायेंगे.

प्रभा दुबे

संगठन की राजनीति में सक्रिय है. प्रभा दुबे को पार्टी ने किरणमई नायक के मुकाबले महापौर प्रत्याशी बनाया था, उनको हार का सामना करना पड़ा था. सक्रिय चेहरों और चर्चे में इनका नाम भी शामिल है. 

सीमा संतोष साहू 

दो बार पार्षद के तौर पर चुनी गई है और भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भी हैं. ओबीसी वर्ग से आती हैं. महापौर की टिकट के लिए दावेदारी भी कर रही है.

सरिता दुबे

ब्राह्मण पारा से पार्षद है. निगम की राजनीति में सक्रिय है. अपने वार्ड के मुद्दों सभा से सड़क तक उठाती रही है. निगम की राजनीति में मीनल चौबे के बाद सरिता दूबे का नाम रेस में आगे है. 

 कांग्रेस

वंदना राजपूत

संगठन राजनीति में सक्रिय रही है. पार्टी के पक्ष को मज़बूती के साथ रखा है. राजधानी की महिला मोर्चा में उनका चेहरा सबसे सक्रिय रहा है. उन्होंने महापौर पद के लिए दावेदारी भी की है. कहा है कि दावेदारी है, पार्टी के निर्णय लेगी वो मंज़ूर होगा. 

प्रीति उपाध्याय

संगठन में सक्रिय रही है, दावेदारी की है. प्रीति कुणाल शुक्ला. प्रबल दावेदारी है, ख़ुशी है कि राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी ने ज़िम्मेदारिया दी है और सक्षम समझा है . शुरू से पार्टी के लिए काम करते आये है, पूरी उम्मीद है पार्टी टिकट हमें ही देगी.

दीप्ति दुबे

पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी है और प्रमोद दुबे के साथ राजनीति में सक्रिय भी रही हैं. प्रमोद दुबे द्वारा उनकी पत्नी की दावेदारी बेहद अहम मानी जा रही है. 

किरणमयी नायक

किरणमयी नायक वर्तमान में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं. रायपुर नगर निगम की महापौर भी रही हैं. उनका नाम भी महापौर के चेहरे में मज़बूत नज़र आ रहा हैमहिला आयोग में उनका कार्यकाल 2026 तक है. यदि पार्टी उन्हें मौक़ा देती है तो उन्हें महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर मैदान में उतरेंगी. हालाँकि, यदि पार्टी नए चेहरे पर जाती है तो किरणमयी नायक का नाम हट सकता है बातचीत में उन्होंने कहा कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के नेताओं का लगातार संपर्क बना हुआ है, महिला आरक्षण के बाद काफ़ी प्रेशर है. पार्टी जो निर्णय लेगी वही मंज़ूर होगा. 

प्रगति बाजपेयी

2015 से संगठन में सक्रिय रही है, महिला कांग्रेस में प्रदेश सचिव और महासचिव के पद पर रही है इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में प्रभारी की भी ज़िम्मेदारी पार्टी ने दी है.कांग्रेस से मज़बूत दावेदार है.

अन्य दावेदार

इसके अलावा कविता ग्वालानी, संगीता दुबे, प्रगति वाजपेयी, उषा रज्जन श्रीवास्तव, ममता राय के नाम भी सामने आए है. वहीं कांग्रेस के नेता जो निगम से लेकर संगठन की राजनीति में सक्रिय और पदाधिकारी भी रहे है, वो अपनी पत्नियों के नाम भी आगे कर रहे हैं. इसमें नागभूषण राव की पत्नी राधिका नागभूषण राव, कुलदीप जुनेजा की पत्नी- परमजीत कुलदीप जुनेजा, कन्हैया अग्रवाल की पत्नी डॉ मीनाक्षी अग्रवाल का शामिल है.

वहीं रायपुर के पूर्व महापौर एजाज़ ढेबर भी अपनी पत्नी का नाम महापौर पद के लिए आगे करते हुए नज़र आए, लेकिन उनकी पत्नी ने संगठन में सालों से सक्रिय नेत्रियों को प्राथमिकता देने की बात कह दी है. हालाँकि, ढेबर अभी भी अपनी पत्नी के लिये टिकट की दावेदारी कर रहे है.

कांग्रेस कराएगी सर्वे, बीजेपी में संगठन नेतृत्व करेगा तय

कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने नगरीय निकाय के कैंडिडेट को लेकर बातचीत में कहा कि पार्टी के लिए नगरीय निकायों में जीत सबसे अहम है. जो भी कैंडिडेट में जीत की सक्षमता और सक्रियता नज़र आयेगी निश्चित रूप से पार्टी उन्हें मौक़ा देगी, सबसे अहम फैक्टर जीत है. इसके साथ उन्होंने सर्वे कराने की भी बात कही. वहीं बीजेपी महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि आरक्षण पूरा होते ही नेत्रियों ने दावेदारी की है. हालाँकि, सक्रियता के साथ-साथ और भी कई बातों का ध्यान रखा जाएगा.

बीते विधानसभा से लेकर उपचुनाव तक देखा गया कि बीजेपी ने कई नए चेहरों को मौक़ा दिया है. निश्चित ही मज़बूत दावेदारों के नाम है, लेकिन बीजेपी चौकाने से पीछे कभी नहीं हटती. वहीं कांग्रेस का इतिहास निकायों में जीत दर्ज करने का रहा है, लेकिन ये स्पष्ट है कि बीते चुनावों में मिले शिकस्त को देखते हुए जीत सुनिश्चित करने कैंडिडेट्स का चयन कांग्रेस बेहद सोच समझ कर करने वाली है, जिसके लिये सर्वे की भी तैयारी है.