दिल्ली में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने एक नई योजना तैयार की है. इस योजना के तहत शहर के सभी 12 नगर निगम जोनों में कुत्तों के लिए शेल्टर (आश्रय स्थल) बनाए जाएंगे. साथ ही, एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया जाएगा, जिस पर कॉल करके लोग आवारा कुत्तों की जानकारी MCD तक पहुंचा सकेंगे. एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि इससे आवारा कुत्तों की समस्या पर तेजी से काम किया जा सकेगा.

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हर महीने 10 हजार कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण

अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल हर महीने करीब 10,000 आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जा रहा है. इस काम में कई गैर-सरकारी संगठन (NGO) भी जुड़े हुए हैं और आगे और एनजीओ को शामिल किया जाएगा ताकि प्रक्रिया तेज हो सके. एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक कुत्तों के काटने के 26,334 मामले दर्ज हो चुके हैं, जो चिंता का विषय है.

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी

यह मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है. शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें आवारा कुत्तों को शेल्टर में रखने के एमसीडी के पुराने आदेश को चुनौती दी गई है.

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बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता का नतीजा है, क्योंकि इस दिशा में अब तक कुछ नहीं किया गया. अदालत ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जमीन आवंटन है सबसे बड़ी चुनौती

MCD की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने बताया कि शेल्टर बनाने की योजना पर काम जारी है, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत जमीन आवंटन की है. उन्होंने कहा, “हेल्पलाइन शुरू होते ही लोग कॉल करके जानकारी देंगे और हमारी टीम मौके पर जाकर कुत्तों को पकड़ेगी.”

हेल्पलाइन और शेल्टर की सुविधा शुरू होने के बाद उम्मीद है कि सड़कों पर भटकते आवारा कुत्तों की संख्या घटेगी और लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी. इससे न सिर्फ कुत्तों के काटने की घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि कुत्तों को भी सुरक्षित माहौल मिलेगा.