रोहित कश्यप,मुंगेली. एशियाई एथलेटिक्स गेम्स का आयोजन मार्च महीने में होंगकांग में होना है जिसके लिए यूथ लेवल नेशनल एथलेटिक्स गेम का आयोजन छत्तीसगढ़ के स्वामी विवेकानंद मैदान में किया गया था. जहां पूरे देश से 600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था नेशनल लेवल के इस आयोजन में जिस तरह से व्यवस्था होनी थी उस तरीके से इंतेजाम नहीं किए गए थे. इस आयोजन में महाराष्ट्र के पुणे से अक्षय गोवर्धन अपनी मां के साथ इस प्रतियोगिता में यह सोचकर आया था कि उसे अपना भविष्य निखारकर देश का नाम रौशन करेगा, लेकिन अव्यवस्थित आयोजन के चलते नौबत ऐसी भी आ गई थी कि उसे इस गेम को हमेशा के लिए छोड़ना पड़ जाता.
अक्षय गोवर्धन 15 साल की उम्र से एक अच्छे धावक रहे है और कई बार नेशनल स्तर के आयोजन में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके है इसी मंशा से वो हाल ही में राजधानी रायपुर में आयोजित नेशनल यूथ गेम में शामिल होने आया था, जो 100 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में सेमीफाइनल में अपना स्थान बना लिया था, पर सेमीफाइनल में रैप में दौड़ते वक्त मासपेशियों की खिंचाव की वजह से वो गिर कर घायल हो गया. उनके उपचार के लिए किसी तरह का मेडिकल व्यवस्था और न पानी की व्यवस्था था.
स्थिति ऐसा था कि अक्षय को उठाने वाला वहां कोई नहीं था जिसके बाद उनके कोच के द्वारा बाहर लाया गया. इस तरह के आयोजन में अक्षय के साथ उनकी माँ हमेशा से साथ जाती रही है जिससे उन्हें जानकारी थी कि इस तरह की स्थिति में बर्फ से मालिश की जाती है पर वहां कोई इंतेजाम नहीं था पास के दुकान जाकर पानी पाउच से उसकी मालिश की गई तब जाकर उन्हें नजदीकी हॉस्पिटल ले जाया गया. जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि सही समय पर इसका उपचार नहीं होता तो अक्षय कभी दौड़ नहीं पाता. उसे जीवन भर के लिए एथलेटिक जैसे गेम खेलना मुश्किल हो जाता.
ऐसे में अक्षय का कहना है कि नेशनल स्तर के आयोजन हो रहे है तो कम से कम बेसिक जरूरतों को होना जरूरी है क्योंकि कोई भी खिलाड़ी एक सपने लेकर आता है और उन्हें इस तरह के सिस्टम से भविष्य खराब हो जाता है. वही उनकी माँ का कहना है कि हमारा देश एथलेटिक्स में नहीं है इसकी वजह यही है कि प्राथमिक रूप से ही व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए शुरुआती तौर से बेसिक व्यवस्था होनी चाहिए.