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मेरठ। भारत में एक्सप्रेसवे का जाल तेजी से फैल रहा है, जिससे न केवल यात्रा का समय घट रहा है बल्कि आर्थिक गतिविधियां भी तेज हो रही हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर मेरठ देश का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्टेशन हब बनने की ओर बढ़ रहा है। यह शहर अब 9 प्रमुख एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाला है, जिससे इसकी कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। इन एक्सप्रेसवे के विकसित होने से यात्रा के समय में भारी कमी आएगी। साथ ही ट्रैफिक जाम की समस्या से भी लोगों को निजात मिलेगी।
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मेरठ इसलिए बन रहा विकास का केंद्र
- दिल्ली-एनसीआर के पास: मेरठ की भौगोलिक स्थिति इसे उत्तर भारत में व्यापार, परिवहन और आवागमन के लिए प्रमुख केंद्र बनाती है।
- औद्योगिक और आर्थिक वृद्धि: मेरठ एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र है, जहां कई बड़ी कंपनियों का विस्तार हो रहा है।
- सरकारी मेगा प्रोजेक्ट्स: गंगा एक्सप्रेसवे, भारतमाला योजना और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं मेरठ से होकर गुजर रही हैं।
- ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए : दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए मेरठ एक वैकल्पिक परिवहन मार्ग के रूप में उभर रहा है।
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आर्थिक और व्यावसायिक लाभ
इन 9 एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद मेरठ में रियल एस्टेट सेक्टर में भारी उछाल आने की संभावना है। व्यापार और निवेश के नए अवसर खुलेंगे। नौकरी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। मेरठ का एक्सप्रेसवे नेटवर्क इसे उत्तर भारत का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्टेशन हब बना रहा है। इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल मेरठ के लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि पूरे देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी हब बनकर उभरेगा। आने वाले वर्षों में, मेरठ भारत के सबसे आधुनिक शहरों में गिना जाएगा, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास दोनों तेजी से बढ़ेंगे।
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