मेरठ. सुप्रीम कोर्ट को चुनौती देने पर मेरठ से मंडलायुक्त को हटा दिया गया है. कमिश्नर ने मंगलवार को ध्वस्तीकरण रोकने का आदेश जारी किया था. SC के आदेश के खिलाफ जाकर उन्होंने ये ध्वस्तीकरण रोकने का आदेश दे दिया था. उन्होंने अवैध सेन्ट्रल मार्केट को स्ट्रीट बाजार बनाने का आदेश दिया था. ध्वस्त हुए काम्पलेक्स की भूमि पर पीड़ितों को अस्थाई दुकानें लगाने का आदेश भी कमिश्नर ने दिया था.
बताया जा रहा है कि 2012 में प्लॉट का आवंटन निरस्त हुआ था. आज इस जमीन की कीमत करोड़ों में है. नगर निगम की दुकानों का पट्टा पीड़ितों के नाम करने का आदेश था. बीजेपी सांसद, विधायक से बैठक के बाद कमिश्नर ने ये आदेश जारी किया था. कमिश्नर के आदेश को लेकर विधायक, सांसद ने वाहवाही भी लूटी. इस आदेश के बाद सेन्ट्रल मार्केट में चल रहे धरने को खत्म करवाकर लड्डू बांटे गए थे.
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सेन्ट्रल मार्केट में लड्डू बंटते ही कमिश्नर का तबादला आदेश आ गया. जिसके मुताबिक मेरठ मंडलायुक्त ऋषिकेश भास्कर यशोद को राजस्व परिषद भेज दिया गया है. कमिश्नर के आदेश पर सरकार ने नाराजगी जताई थी. नतीजन 24 घंटे में मेरठ से उनका तबादला कर दिया गया. वहीं SC ने दिसंबर-24 में अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था. 860 से ज्यादा आवासीय प्लाट्स में अवैध सेन्ट्रल मार्केट बसाया गया था.
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