मेरठ. फलावदा कस्बे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां 20 वर्षीय मुस्लिम युवक शाकिर को कांवड़ लाने और भगवान शिव की भक्ति करने पर उनके ही परिजनों और मोहल्लेवालों के गुस्से का शिकार होना पड़ा. शाकिर, जो मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है, पिछले तीन वर्षों से शिव भक्ति में लीन है. इस बार वह हरिद्वार से 101 लीटर गंगाजल लेकर लौटा और भगवान शिव का जलाभिषेक किया.

यात्रा के दौरान खतौली के कांवड़ सेवा शिविर में उसे शील्ड देकर सम्मानित भी किया गया. लेकिन घर पहुंचते ही उसका स्वागत लाठियों और धमकियों से हुआ. शाकिर का आरोप है कि उसके माता-पिता और मोहल्ले के कुछ लोगों ने उसे पीटने की कोशिश की और शिव पूजा छोड़ने का दबाव बनाया. इतना ही नहीं, उसे दो दिन तक भूखा भी रखा गया.

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आखिरकार शाकिर अपनी जान बचाकर फलावदा थाने पहुंचा और पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई. तहरीर में युवक ने कहा कि “अगर मुझे पुलिस से मदद नहीं मिली, तो मैं हिंदू धर्म अपना लूंगा”. शाकिर ने यह भी आरोप लगाया कि उसका पिता उससे रोज 500 रुपये लाने का दबाव बनाता है, चाहे भीख मांगनी पड़े या कोई अपराध करना पड़े. लेकिन उसने मेहनत को चुना. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए युवक के घर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है.

मामले को लेकर शाकिर का कहना है कि “मैं तीन साल से भोले बाबा की भक्ति कर रहा हूं, मेहनत से गंगाजल लाया हूं. अब अगर सुरक्षा नहीं मिली, तो मैं हिंदू धर्म अपना लूंगा”.