मुंबई. भारत की पहली महिला प्राइवेट जासूस मानी जानी वाली रजनी पंडित ने खुलासा किया कि जब वो कॉलेज में थीं, तब उन्होंने पहला केस हल किया था. ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट के माध्यम से उन्होंने अपने सबसे कठिन मामलों के बारे में बताया. कैसे उन्होंने अपना करियर शुरू किया और एक महिला जासूस होने पर किस प्रकार चुनौतियों का सामना किया. इस स्टेटस पर 17 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने खुद को ‘देसी शर्लाक’ के रूप में वर्णित किया है. उन्होंने अपनी बात 22 साल की उम्र के पहले केस से शुरू की और बताया कि उसके बाद किस प्रकार उनकी प्रसिद्धि बढ़ी. पंडित की फेसबुक पोस्ट का सबसे दिलचस्प हिस्सा तब आता है जब वह अपने सबसे कठिन केस के बारे में बताती हैं. एक डबल मर्डर केस को हल करने के लिए उन्हें नौकरानी बनना पड़ा. वो 6 महीने तक उस महिला के यहां मेड बनकर रहीं, जिस पर हत्या का शक था.
रजनी ने बताया, ‘एक बार बिल्कुल शांति थी, इस दौरान मेरे रिकॉर्डर से ‘क्लिक’ की आवाज आ गई. इससे वो मुझ पर शक करने लगी और मुझे बाहर जाने से रोकने लगी.’ उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया है कि किस तरह उन्होंने उस केस को हल किया.
अपनी पोस्ट के अंत में पंडित ने लिखा, ‘मैंने लगभग 80,000 मामलों को हल कर लिया है. मैंने दो किताबें लिखी हैं, अनगिनत पुरस्कार जीते हैं…लेकिन सबसे अधिक…मैं देसी हूं, देसी शर्लाक होम्स’ रजनी का जन्म महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ और उनके पिता सीआईडी में थे.