रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को अपने निवास कार्यालय में बैठक लेकर छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की.

छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव तीन दिनों का होगा. राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 27, 28 और 29 दिसम्बर को होगा. आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है, जिसमें तमाम मंत्रियों को शामिल किया गया है.

आयोजन के दौरान प्रतियोगिता भी होगी, जिसमें विवाह या मांगलिक अवसर पर होने वाले नृत्य, कृषि आधारित जैसे फसल कटने के समय, तीसरा देश के विभिन्न राज्यों में पारंपरिक त्यौहारों, विशेष अवसरों पर होने वाले नृत्य और खुली प्रतियोगिता के रूप में रखा गया है. इसमें एक राज्य से 4 ग्रुप शामिल होंगे. हर ग्रुप में 15 कलाकारों की टीम होगी.

महोत्सव के दौरान प्रदर्शनी, हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग, बस्तर एवं सरगुजा के कला प्रदर्शनी, हर्बल उत्पाद, नरवा, गरवा, घुरूवा, बारी की थीम पर प्रदर्शनी, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की प्रदर्शनी एवं विक्रय केन्द्रों के स्टाल लगाये जाएंगे. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे राज्यों से 2500 कलाकार शामिल होंगे.

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा  बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश के अन्य राज्यों के साथ ही देश के बाहर से भी कलाकार आएंगे, उनके लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था, भोजन, आवास, साफ-सफाई, पीने का साफ पानी, स्वास्थ्य सुविधा, अग्निशमन और आवागमन के समुचित साधन मुहैया कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए. मुख्यमंत्री ने साईंस कॉलेज स्थित आयोजन स्थल का कम्प्यूटर आधारित प्रेजेंटेशन देखा और जरूरी निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में आने वाले दर्शकों को कोई असुविधा नही होनी चाहिए. पार्किंग स्थल से उन्हे कम से कम दूरी चलना पड़े इसका विशेष ध्यान रखें. आयोजन में आवश्यक व्यवस्था के लिए एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड के कैडेटों का भी सहयोग लेने कहा.

संस्कृति विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि महोत्सव में कलाकारों द्वारा विवाह, फसल कटाई, पारंपरिक त्यौहार और अन्य अवसरों पर किए जाने वाले आदिवासी नृत्यों का प्रदर्शन किया जाएगा. महोत्सव में विजेता प्रतिभागियों को समापन अवसर पर पुरस्कार दिया जाएगा, जिसमें प्रथम पुरस्कार 5 लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख रूपए, तृतीय पुरस्कार 2 लाख रूपए और सांत्वना पुरस्कार के रूप में 25 हजार रूपए दिए जाएंगे। प्रत्येक दल में लगभग 50 कलाकार होंगे.  परदेशी ने बताया कि महोत्सव में कलाकारों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है और अब तक एक हजार 310 कलाकारों का पंजीयन हो चुका है। पंजीयन को ऑनलाइन देखा भी जा सकता है. आयोजन स्थल में लगभग 4000 लोगों की बैठक व्यवस्था की जा रही है.

आयोजन स्थल पर शिल्प ग्राम, फूड जोन, पुस्तक प्रदर्शनी, वनोपज उत्पाद, औद्योगिक प्रोत्साहन, छत्तीसगढ़ का इतिहास, पर्यटन, संस्कृति, छत्तीसगढ़ी व्यंजन, गांधी यात्रा, जल, जंगल, जमीन आदि की प्रदर्शनी लगायी जाएगी. साथ ही मनोरंजन के लिए मीना बाजार लगाने पर भी विचार किया जा रहा है.बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, प्रमुख सचिव  मनोज पिंगुआ,सुब्रत साहू, सचिव पी.अन्बलगन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.