वक्फ संशोधन कानून को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद की अगुवाई में दिल्ली (Delhi) में मुस्लिम संगठनों की बड़ी बैठक की जा रही है. इस बैठक में देश के अलग-अलग इलाकों से मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. मुस्लिमों को सर्वोच्च संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) ने वक्फ संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जमीयत की वर्किंग कमेटी की बैठक मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में शुरू हो गई है.
वक्फ कानून के लागू होने और मुस्लिम समाज पर पड़ने वाले असर को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी. वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद जमीयत की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी और मुस्लिम संगठन अपनी अगली रणनीति का ऐलान करेंगे.
गौरतलब है कि वक्फ कानून में बदलाव को लेकर विपक्ष जहां सरकार पर हमलावर है तो वहीं मुस्लिम संगठन भी इसके खिलाफ हैं. जानकारी के मुताबिक जमीयत की वर्किंग कमेटी की बैठक में वक्फ को लेकर एक अहम फैसला लिया जाएगा.
वर्किंग कमेटी की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि वक्फ कानून लागू होने के बाद इसका क्या असर होगा? मुस्लिम समाज की कैसे कानूनी मदद की जाएगी. इसका समाज पर क्या असर होगा. इसे देखते हुए कुछ फैसले लिए जाने हैं.
आपको बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद से देशभर में मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे है. वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 20 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की जा चुकी है. याचिकाकर्ताओं में मुस्लिम संगठनों के अलावा विपक्षी दल के नेता भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को इन याचिकाओं की सुनवाई करेगा.
वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठन सड़कों पर उतर आए है. मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में हिंसा से तनाव का माहौल है. वक्फ एक्ट के विरोध के बीच हुई हिंसा में अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है.
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