नई दिल्ली . चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति  को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की गुरुवार दोपहर बैठक होगी. बाद में चयन समिति की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चुनाव आयोग (ईसीआई) में दो सदस्यों की नियुक्ति करेंगी.

इससे पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता वाली खोज समिति ने निर्वाचन आयुक्तों के दो पदों को भरने के लिए पांच उम्मीदवारों की एक लिस्ट तैयार करने के लिए बुधवार शाम बैठक की.

कानून तीन सदस्यीय चयन समिति को ऐसे व्यक्ति को भी नियुक्त करने का अधिकार देता है, जिसका चयन खोज समिति ने नहीं किया हो. 14 फरवरी को अनूप चंद्र पांडे चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. इसके बाद अरुण गोयल ने भी चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे की अधिसूचना नौ मार्च को जारी की गई थी. तब से आयोग में ये दो पद खाली हैं.

इस साल फरवरी में चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे रिटायर हो गए थे. वहीं, पिछले हफ्ते एक अन्य चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने पद से इस्तीफा दे दिया था. तीन सदस्यीय इस आयोग में निर्वाचन आयुक्तों के दोनों पद खाली हैं.

सूत्रों की मानें तो गोयल के कुछ मुद्दों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ मतभेद तो थे. ये अलग बात है कि अमूमन बड़े अधिकारियों के बीच इतने मतभेद तो चलते हैं रहते हैं, लेकिन छह और सात मार्च को आयोग में माहौल थोड़ा अलग महसूस किया गया.

एक बार नियुक्तियां अधिसूचित हो जाने के बाद नए कानून के तहत की जाने वाली ये पहली नियुक्तियां होंगी. कानून तीन-सदस्यीय चयन समिति को ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करने की शक्ति भी देता है जिसे खोज समिति ने शॉर्टलिस्ट नहीं किया है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति पर नया कानून हाल में लागू होने से पहले निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता था.