नई दिल्ली . केंद्रीय निर्वाचन आयोग में अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से दो चुनाव आयुक्तों के पद रिक्त हो गए हैं. तीन सदस्यीय पैनल में अब सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की.
निर्वाचन आयोग के सूत्रों की मानें तो कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक चयन समिति (जिसमें गृह सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव शामिल होंगे) पहले दोनों पदों के लिए पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी. बाद में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति (जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल होंगे) चुनाव आयुक्त के नियुक्ति के लिए दो नाम तय करेगी. इसके बाद इन नामों को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. 13 या 14 मार्च को बैठक के बाद नियुक्तियां 15 मार्च तक होने की संभावना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 15 मार्च को शाम 6 बजे बैठक होगी. जबकि कल सुबह 10.15 बजे चुनाव आयोग की लोकसभा के ऑब्जर्वर के साथ बैठक होगी. चुनाव तैयारियों पर चुनाव आयोग लोकसभा के ऑब्जर्वर को दिशा निर्देशित करेगा.
हाल ही में सीईसी और ईसी की नियुक्ति पर एक नया कानून लागू होने से पहले, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और परंपरा के मुताबिक, सबसे वरिष्ठ को सीईसी के रूप में नियुक्त किया जाता था.
अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे के कारणों पर सवालों के जवाब में सूत्रों ने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया हो. सूत्रों ने अरुण गोयल और राजीव कुमार के बीच मतभेद की खबरों को खारिज किया है. शुक्रवार सुबह इस्तीफा देने वाले अरुण गोयल चुनाव ड्यूटी के लिए पूरे भारत में केंद्रीय बलों की तैनाती और आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग और शीर्ष गृह मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए.