नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने रविवार को फर्जी मार्कशीट रैकेट का भंडाफोड़ किया और सरगना समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मार्कशीट रैकेट भारत भर में विभिन्न सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों और राज्य शिक्षा बोर्डों की जाली डिग्री और प्रमाण पत्र तैयार करने में शामिल था.

मार्कशीट रैकेट के सरगना दल चंद मेहरोलिया को उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पीतमपुरा स्थित उसके शिक्षा संस्थान एमएच एडुवर्सिटी, डिजिटल स्कूल ऑफ इंडिया में से गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस के अनुसार, आरोपियों के पास से शंघाई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, विलियम कैरी यूनिवर्सिटी, शिलांग, उत्तराखंड, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कलिंग, बिहार और अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों से कम से कम 19 फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बरामद की गईं. मौके से 11 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन और फर्जी मोहरें भी बरामद की गईं.

पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान सह-आरोपी महावीर कुमार को भी बुराड़ी से गिरफ्तार किया गया और उसके घर से विभिन्न विश्वविद्यालयों और राज्य शिक्षा बोर्डों के फर्जी और खाली डिग्री, प्रमाण पत्र, मार्कशीट और माइग्रेशन प्रमाण पत्र के साथ-साथ लैपटॉप / प्रिंटर, नकली टिकट सहित भारी मात्रा में सामग्री बरामद की गई.

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 2020 से यह इंस्टीट्यूट चला रहा है, और उसने कई टेली-कॉलर लड़कियों को अपने ऑफिस में नौकरी पर रखा है. उन्होंने खुलासा किया कि टेली-कॉलर लड़कियां विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को कॉल करती थीं और इच्छुक छात्रों का डेटा उन्हें प्रदान करती थीं. इसके बाद मेहरोलिया ने उनसे व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया और उन्हें जरूरी दस्तावेजों के बिना डिग्री दिलाने का लालच दिया.

पुलिस ने कहा कि वह किसी भी छात्र से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिले. 10वीं से लेकर पीएचडी तक की फर्जी मार्कशीट मुहैया कराने के लिए वह 20,000 से 2,20,000 रुपये लेता था. रकम मिलने के बाद मेहरोलिया डिग्री कोरियर से भेज देता था. इन दोनों ने दस्तावेजों के होलोग्राम भी तैयार किए थे. आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्होंने 2,000 से अधिक फर्जी डिग्रियां बेची हैं, और कई मार्कशीट धारकों ने उनके द्वारा प्रदान किए गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरियां भी हासिल की हैं.