दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही सबके जहन में नक्सली क्षेत्र और हिंसक वारदात ही आते है, पर मेहरार चो मान उनके लिए करारा जवाब है। पैडमैन की तर्ज में यहाँ पैडवुमेंस जागरूकता फैलाकर जिले की महिलाओ का मान बढ़ा रहीं है। धुर नक्सली क्षेत्र में जिला प्रशासन और एनएमडीसी की पहल से हल्बी भाषा के वाक्य ‘मेहरार चो मान ‘अर्थात महिलाओ का सम्मान के नाम से सेनेटरी पैड निर्माण की  महत्वकांक्षी परियोजना चलाई जा रही है जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा निःशुल्क 8 महिला स्व समूहों को  सेनेटरी पैड निर्माण करने की मशीन प्रदान किये गए। जिसके द्वारा कम कीमत में बाजार में उपलब्ध बड़े ब्रांडों से बेहतर, जैल युक्त, अधिक  सोखने वाला, पर्यावरण अनुकुलित, केमिकल रहित सेनेटरी पैड का उत्पादन किया जा रहा है। जिसकी कीमत 25 रु  प्रति पैकेट (7पैड ) है जो केंद्रों को जिला प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है।

आकांक्षी जिले के इस परियोजना का  उद्देश्य केवल किशोरियों और महिलाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराना न होकर उन्हें मासिक धर्म के बारे में विभिन्न भ्रांतियों के प्रति जागरूक कर गम्भीर बीमारियों से निजात दिलाना भी है। ‘मेहरार चो मान‘ अभियान से जुड़कर समूह की महिलाएं न केवल सेनिटरी पैड निर्माण से आय अर्जित कर अपने परिवार को संबल प्रदान कर रहीं हैं। बल्कि किशोरियों और ग्रामीण महिलाओं को निःशुल्क सेनिटरी पैड वितरण कर जागरूक भी कर रहीं है। इस छोटी सी पहल का इतना असर हुआ है कि कभी आपस में मासिक धर्म के बारे में बात न करने वाली ग्रामीण महिलाएं अब बेबाक होकर अपनी समस्या बता लेती हैं। पूरे गांव और आसपास के इलाके में घरों में इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल न कर अब पैड्स का इस्तेमाल कर रही हैं, छात्राओं की स्कूलों में उपस्थिति भी इससे बढ़ी है।

कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा के हाथों 30 नवंबर को 8 महिला स्व सहायता समूहों केंद्रों को 153520 रूपये के चेक उन्हें उनके मेहनताना के रूप में दिया गया। जिसमे आशायें स्व सहायता समूह कोडे़नार को 50000रू, ओम साईं स्व सहायता समूह मैलावाड़ा को 7250रु, दुर्गा स्व सहायता समूह मुचनार को 8695रु, लक्ष्मी स्व सहायता समूह बड़े बेड़मा को 5525रु, रानी स्व सहायता समूह कारली को 16950रु, जागृति स्व सहायता समूह भांसी  को 23750रु , विकास महिला ग्राम संगठन सेनेटरी प्रोजेक्ट (सखी सहेली )को 10050रु और एकता ग्राम संगठन चितालुर को 31300रु के चेक प्रदान किये गए। इन समूहों  द्वारा बनाए गए सेनेटरी पैड को आश्रम और छात्रावास,स्कूल और पोटा केबिन में अध्ययनरत बालिकाओं को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, एनआरएलएम,  स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ स्व सहायता समूह की हजारों  महिलाएं जुड़ी हैं।कार्यक्रम  की सफलता को देखते हुए अब केन्द्रों को विस्तारित करने की कार्यवाही की जा रही है।

कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने समूहों की महिलाओं से चर्चा की और उनकी कामयाबी की उन्हें बधाई दी। उन्हें बचत की सलाह देते हुए कहा की अब आप किसी की मोहताज नहीं है बल्कि आत्मनिर्भर हो गयी है,और अपने हुनर से आप कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बना सकती हैं। हमें दंतेवाड़ा के प्रत्येक  गांव में अपने दंतेवाड़ा से निर्मित सेनेटरी पैड को पहुँचाना है। अब तक इससे 18286 महिलाओ को लाभ मिल चुका है। जिसे अगले 6माह में हमें  50 हजार करना है ताकि जिले की  हर बालिका और महिलाये स्वस्थ हो तंदरुस्त हो और आत्मविश्वास से भरी हुई हो।