इन दिनों पारा 41 के आसपास चल रहा है, पशु-पक्षी, इंसान गर्मी से परेशान हैं, ऐसे में भगवान के भक्त भी चिंतित हैं कि उनके इष्ट देव गर्मी न लगे. इष्ट देव पर गहरी आस्था के चलते भक्तों ने पूजा घरों में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं को गर्मी के परिधान पहनाना शुरू कर दिया है, साथ ही भगवान को शीतलता पहुंचाने के लिए भोग का मीनू भी बदल दिया है.

शहर में एक बार फिर गर्मी जोर पकड़ने लगी है. तेज गर्मी के चलते शहर के मंदिरों में भी भगवान को गर्मी से बचाने के लिए खास इंतजाम शुरू हो गए हैं. भगवान को गर्मी का सामना न करना पड़े इसके लिए मंदिरों में खास व्यवस्थाएं जुटाई जा रही है. कहीं गर्भगृह को ठंडा रखने के लिए कूलिंग प्लांट लगाया गया है, तो कहीं कूलर की ठंडी हवाओं से गर्भगृह में ठंडक पहुंचाई जा रही है, यहीं नहीं इन दिनों मंदिरों में भगवान के शृंगार में भी बदलाव किया गया है और ऐसा शृंगार किया जा रहा है, जिससे भगवान को गर्मी से राहत मिल सके. Read More – Vastu Tips : घड़ी को सही दिशा में लगाने से घर में आती है सुख शांति और लक्ष्मी, वास्तु के अनुसार करें ये काम …

इसी के साथ शीतल पेय, शीतल फलों का भोग भी लगाया जा रहा है. इसी प्रकार गर्भगृह में मटके भी रखे गए हैं, जो शीतलता प्रदान करते हैं. मंदिरों कि गर्मी में भगवान का शृंगार के लिए चंदन पुदीना, मोगरा के फूलों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है. Read More – प्रोटेक्शन के लिए Urfi Javed ने बदन पर लपेटा ये चीज, Video देख लोगों ने लिए मजे, एक्ट्रेस ने कहा- मन नहीं भरता …

वैष्णव सम्प्रदाय के मंदिरों में अक्षय तृतीया से गर्मी से बचाव के लिए ठाकुर जी को खास व्यवस्थाएं की जाती है, लेकिन इस बार मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण वैशाख महीने से इसकी शुरुआत नहीं की गई. अब जेष्ठा में गर्मी से भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं. अभी गर्भगृह में ठंडक के लिए कूलर लगाया गया है. साथ ही भगवान के परिधान भी बदल के सूती हो गए हैं. भगवान कृष्ण के मंदिर में सुबह, दोपहर, शाम और रात में दही, केसर दूध, तरबूज, खरबूजा, आम जैसे फलों का भोग लगाया जा रहा है.