रायपुर. हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल पर गोचर करता है और इसका सीधा असर मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है. ग्रहों के राजकुमार बुध ग्रह आज मध्य रात्रि यानि 24 अप्रैल 12 बजकर 22 मिनट पर वृष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार जब- जब बुध ग्रह गोचर करते हैं तो इनका असर बिजनेस, शेयर बाजार, अर्थव्यवस्था पर पड़ता है. इसलिए बुध के राशि परिवर्तन का प्रभाव भी सभी राशियों पर पड़ेगा.

ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है. यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है. बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है. कन्या इसकी उच्च राशि भी है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है. 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है.

ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है. सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं. बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है. व्यक्ति को तेज बुद्धि और प्रभावी संचार कौशल बुध के माध्यम से ही प्राप्त होता है. यदि बुध ग्रह मजबूत स्थिति में हो तो व्यक्ति को करियर लाइफ में विशेष लाभ प्राप्त होता है. बुध के कमजोर होने अथवा विपरीत अर्थात् अपने स्थान से छठवे, आठवे या बारहवे होने से तनाव, विफलता तथा हानि देता है.

बुध के वृषभ राशि में प्रवेश से मिथुन राशि वालों के लिए बुध का प्रवेश द्वादश स्थान में हो रहा है, अतः मिथुन राशि वालो के लिए बुध ये प्रवेश नींद अथवा दिमागी सूकून कम करने वाला हो सकता है. साथ ही तुला राशि वालो के लिए अष्टम और धनु राशि वालों के लिए छठवें स्थान में गोचर हानिकारक हो सकता है.