मेरी माटी मेरा देश Meri Mati Mera Desh के तहत अब 30 सितंबर तक शहीदों के गांवों से हर घर से मिट्टी के साथ चावल भी लिए जाएंगे। मिट्टी, चावल का कलेक्शन उस जिले के पारंपरिक परिधानों व वाद्य यंत्रों के साथ किया जाएगा।

जिलों से राज्य स्तर पर शहीदों के गांवों की मिट्टी से भरे कलश भेजे जाएंगे। कलशों को स्पेशल ट्रेनों से वालंटियर लेकर नई दिल्ली पहुंचेंगे। अक्टूबर में दिल्ली में भव्य कार्यक्रम होगा। इस संबंध में केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की है।

यह राष्ट्रव्यापी अभियान राष्ट्र और बहादुरों की उपलब्धियों को जश्न मनाने को लेकर है। अभियान के तहत गांव, पंचायत, ब्लॉक, शहरी स्थानीय निकाय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होने हैं।

इस अभियान को लेकर शुरुआत की गई थी और शहर-गांवों में शहीदों के गांवों से मिट्‌टी एकत्रित की गई थी। शहर में कलशों में मिट्‌टी एकत्रित कर डीसी ऑफिस कार्यालय में रखी गई थी, जबकि गांवों से कलश एकत्र नहीं हो पाए थे।

डीडीपीओ नवदीप कौर ने कहा कि अभियान के तहत नई गाइडलाइंस प्राप्त हुई हैं। इसके तहत ढोल नगाड़ों और ट्रेडिशनल ड्रेस में मिट्‌टी या चावल एकत्रित किए जा रहे हैं। सभी ब्लॉक लेवल अफसरों को में निर्देशित किया गया है।

अब ऐसा रहेगा शेड्यूल… 30 तक हर घर से मिट्‌टी और चावल लिए जाएंगे

  • 30 सितंबर तक शहर-गांवों से अमृत कलश में हर घर से मिट्टी या चावल लिए जाएंगे। ढोल नगाड़े, लोकल ट्रेडिशन के साथ अभियान चलेगा।
  • लोगों को पांच प्रण शपथ लेने के लिए जागरूक किया जाएगा
  • 1 से 13 अक्टूबर तक ब्लॉक लेवल पर कलश को एकत्र किया जाएगा।
  • बड़े कलश में मिट्‌टी या चावल को डाला जाएगा।
  • ब्लॉक लेवल पर कल्चरल प्रोग्राम करवा ब्रेवहटर्स सम्मानित किए जाएंगे।
  • निगम, नगर परिषद व नगर कौंसिल में इसी तरह के प्रोग्राम होंगे।
  • 22 से 27 अक्टूबर तक अमृत कलश सभी ब्लॉकों से स्टेट या यूटी स्तर पर एकत्र होंगे।
  • कलश दिल्ली भेजने से पहले मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, एमपी की मौजूदगी में कार्यक्रम होंगे
  • अमृत कलश दिल्ली लाने वाले वालंटियर्स के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था होगी, इनका स्वागत होगा।
  • 25 से 30 अक्टूबर तक अमृत कलश विभिन्न प्रदेशों से दिल्ली पहुंचेंगे।
  • कर्तव्य पथ पर अमृत कलश के साथ वालंटियर्स ट्रेडिशनल ड्रेस में मार्च निकालेंगे।
  • अमृत कलश में मौजूद मिट्‌टी को अमृत वाटिका में प्रयोग की जाएगी।
  • देश के लिए जान देने वाले लोगों के लिए कर्तव्य पथ पर मेमोरियल इस्टेबलिश किया जाएगा।