गरियाबंद पुरषोत्तम पात्र। जिले के साल्हेभाटा पंचायत के दो स्कूल भवन 15 साल से अधूरे पड़े है. पैसों की बंदरबांट और अफसरों की लापरवारी यहां किसी से छिपी नहीं हैं. अधूरे भवन निर्माण के कारण पंचायत भवन में स्कूल संचालित है. पिछले 15 सालों से साल्हेभाटा मीडिल स्कूल और उसके आश्रित गंव कुरलापारा प्रायमरी स्कूल के बच्चों को पंचायत भवन में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.
जिला प्रशासन बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीर नही है. साल्हेभाटा पंचायत के दो स्कूल भवन 15 साल से अधूरे पडे हैं. स्कूल भवन नहीं होने के कारण साल्हेभाटा मीडिल स्कूल और उसके आश्रित गांव कुरलापारा प्रायमरी स्कूल के बच्चों की कक्षआएं पंचतायत भवन कक्षाएं संचालित की जा रही है. पंचायत भवन में भी पर्याप्त जगह नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसकी शिकायत छात्रों के परिजन कई बार ने प्रशासन से कर चुके हैं लेकिन लापरवाही के चलते जनप्रतिनिधि तो अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट ही रहे हैं साथ ही जिला प्रशासन भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड रहा है, अब इस स्कूल भवन के निर्माण का कार्य कब तक पूरा होगा,जिला प्रशासन ये बताने की भी स्थिति में नहीं है.
साल्हेभाटा ग्राम पंचायत पंच थाविर यादव ने बताया कि साल्हेभाटा मीडिल स्कूल और उसके आश्रित गंव कुरलापारा प्रायमरी स्कूल के बच्चों को पंचायत भवन में बैठकर पढ़ना पड़ रहा है. स्कूल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है जिसकी वजह से पंचायत भवन में कक्षाएं लगाई जा रही हैं.
वहीं बीईओ एआर टांडिया, मैनपुर विकासखंड ने बताया कि साल्हेभाटा मीडिल स्कूल का निर्माण कार्य जारी है. जल्द ही कार्य को पूरा किया जाएगा.