Metal Stocks Investment: 29 दिसंबर को मेटल कंपनियों के शेयरों में लगातार आठवें सत्र में तेजी देखने को मिली. हिंदुस्तान कॉपर, SAIL, टाटा स्टील समेत कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 15 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई. एनालिस्ट्स ने मेटल स्टॉक्स में आई इस तेजी के पीछे के कारणों और आगे के आउटलुक का विश्लेषण किया है.

आज मेटल शेयरों में मजबूती के चलते निफ्टी मेटल इंडेक्स 1.5 प्रतिशत बढ़कर करीब 10,968 के स्तर पर पहुंच गया. इंट्राडे ट्रेडिंग में इंडेक्स ने 10,983.20 का नया 52 हफ्ते का उच्च स्तर भी छुआ. इस आठ सत्रों की रैली में अब तक इंडेक्स करीब 5 प्रतिशत चढ़ चुका है.

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Metal Stocks Investment
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मेटल शेयरों में तेजी की वजह क्या है?

INVasset PMS के बिजनेस हेड हर्षल दासानी ने कहा कि मेटल शेयरों में आई तेजी किसी एक वजह से नहीं है. यह तेजी अनुकूल ग्लोबल मैक्रो माहौल का नतीजा है.

उन्होंने कहा, “हाल के सत्रों में निफ्टी मेटल और हिंदुस्तान कॉपर, हिंडाल्को, वेदांता और SAIL जैसे बड़े शेयरों ने नए उच्च स्तर बनाए हैं. फेरस और नॉन-फेरस दोनों तरह के मेटल शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली है. टर्नओवर बढ़ा है, जो नवंबर में आई कमजोरी के बाद संस्थागत निवेशकों की वापसी का संकेत देता है.”

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फेड रेट कट की उम्मीद

एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट (मेटल्स) आदित्य वेलेकर ने कहा कि मेटल शेयरों में तेजी बढ़ती मेटल कीमतों की वजह से है. 2026 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने मेटल सेक्टर को सपोर्ट दिया है.

उन्होंने कहा, “अमेरिका में नरम लेबर मार्केट फेड को रेट कट की गुंजाइश दे रहा है, जो मेटल बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है.”

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चीन का पॉलिसी सपोर्ट

हर्षल दासानी ने बताया कि चीन मेटल सेक्टर के लिए एक बड़ा ड्राइवर बना हुआ है. इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर ग्रिड, रिन्यूएबल एनर्जी और शहरी पुनर्विकास को लेकर मिल रहा पॉलिसी सपोर्ट स्टील, कॉपर, एल्युमिनियम और जिंक की मांग को मजबूती दे रहा है.

उन्होंने कहा, “हालांकि प्रॉपर्टी सेक्टर अभी भी कमजोर है, लेकिन सरकारी पूंजीगत खर्च और औद्योगिक गतिविधियां बेहतर दिख रही हैं. इससे मेटल कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है.”

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सप्लाई की स्थिति

दासानी ने कहा कि कई बेस मेटल्स में कम इन्वेंट्री के चलते गिरावट का जोखिम सीमित है. एक्सिस सिक्योरिटीज के आदित्य वेलेकर ने भी कहा कि कीमती धातुओं और तांबा व एल्युमिनियम जैसी बेस मेटल्स की सप्लाई सीमित है, जबकि मांग मजबूत बनी हुई है.

उन्होंने कहा, “चांदी और बेस मेटल्स की मांग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV), रिन्यूएबल एनर्जी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में बढ़ते इस्तेमाल की वजह से बढ़ रही है.”

सप्लाई साइड पर माइनिंग से जुड़ी चुनौतियां, ऊंची ऊर्जा लागत और सख्त पर्यावरणीय नियम, खासकर रिफाइंड मेटल्स में, नई क्षमता जोड़ने की रफ्तार को धीमा कर रहे हैं. वहीं EV, पावर ट्रांसमिशन और रिन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी एनर्जी ट्रांजिशन थीम्स से मांग मजबूत बनी हुई है.

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आज के टॉप मेटल गेनर्स

हिंदुस्तान कॉपर के शेयर ₹508.05 पर ट्रेड कर रहे थे, जो करीब 7 प्रतिशत ऊपर थे. इंट्राडे में यह शेयर करीब 15 प्रतिशत उछलकर ₹545.95 के नए 52 हफ्ते के उच्च स्तर पर पहुंच गया.

यह तेजी तांबे की कीमतों के नए ऑल-टाइम हाई पर पहुंचने की वजह से आई. SAIL के शेयर 4 प्रतिशत से ज्यादा चढ़े. टाटा स्टील, वेदांता और जिंदल स्टील एंड पावर के शेयरों में भी 2 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त रही.

हिंदुस्तान जिंक करीब 2 प्रतिशत चढ़ा, जबकि APL अपोलो ट्यूब्स और JSW स्टील 1 प्रतिशत से ज्यादा ऊपर रहे. वेल्सपन कॉर्प और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में भी करीब 1 प्रतिशत की तेजी दिखी. NALCO, NMDC और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर मामूली बढ़त के साथ हरे निशान में ट्रेड कर रहे थे.

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मेटल शेयरों का आउटलुक

INVasset PMS के हर्षल दासानी ने कहा कि मेटल शेयरों में तेजी का रुझान आगे भी बना रह सकता है, हालांकि उतार-चढ़ाव से इनकार नहीं किया जा सकता.

उन्होंने कहा कि 2030 तक ग्लोबल स्टील की मांग में भले ही सीमित बढ़ोतरी का अनुमान हो, लेकिन चीन को छोड़कर अन्य देशों में खपत और उभरते बाजारों में इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च से धीरे-धीरे वॉल्यूम ग्रोथ जारी रह सकती है. भारत में सरकारी पूंजीगत खर्च और हाउसिंग डिमांड स्टील कंपनियों के लिए मजबूत सपोर्ट बने हुए हैं.

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