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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में इन दिनों स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम चल रहा है। केंद्र सरकार इसमें राज्य को अुनदान भी दे रहा है लेकिन विद्युत कर्मचारियों के सुस्त रवैये के चलते अनुदान का मामला फंसता हुआ नजर आ रहा है। बिजली विभाग अभी तक केवल 15 प्रतिशत सरकारी कार्यालयों और भवनों में ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा पाया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड अध्यक्ष आशीष कुमार गोयल ने बिजली विभाग को पत्र लिखा है।
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उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष ने कहा है कि बिजली विभाग को 31 मार्च तक प्रदेश के सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य दिया गया है। अभी तक केवल राज्य के 15 फीसदी कार्यालयों में ही मीटर लग पाया है। विद्युत कर्मचारी कार्यों में तेजी लाए। इसके लिए जल्द से जल्द कार्ययोजना तैयारे करे और सारे काम निर्धारित समय में पूरा कर लें। नहीं तो भारत सरकार द्वारा आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत दिए जाने वाला अनुदान ( GBS ) रोक जा सकता है। अत आप सरकारी कार्यलयों/ भवनों पर मीटर स्थापना की कार्ययोजना बना ले और इसके क्रियान्वयन का गहन अनुश्रवण कर शत प्रतिशत लक्ष्यों की समयबद्ध प्राप्ति सुनिश्चित कराएं।
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बता दें कि निर्धारित समय में लक्ष्य पूरा नहीं होने पर केंद्र से मिलने वाले अनुदान पर रोक लग सकती है। 2 करोड़ 59 लाख की जगह अभी सिर्फ 9.80 लाख मीटर लगाए जा सके हैं। प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियां 15 फीसदी काम कर पाई हैं। राज्य के सिर्फ पंद्रह फीसदी सरकारी भवनों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग पाया हैं। कर्मचारी सरकारी भवनों के बजाय घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर लगाने में व्यस्त है। जिसके कारण केंद्र से मिलने वाला अनुदान फंसता नजर आ रहा है।
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