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शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राचीन काल से ही योग का अभ्यास किया जा रहा है. योग एक ऐसी विधा है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने शरीर को संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है. आवश्यकता है अपने जीवन में इसे अपनाने की. योग करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है. योग करने से व्यक्ति अपने अंदर एनर्जी को फील करता है.
योग में कई आसनों को सम्मिलित किया गया है. उन्हीं में से एक आसन है, मयूरासन.
मयूरासन के फायदे-
मयूरासन का अभ्यास करने से पाचन शक्ति प्रबल होती है. पेट से संबंधित सभी प्रकार के रोग कब्ज, गैस ,अम्ल पित्त आदि विकार दूर होते हैं.
शरीर को करे डिटॉक्स
इस योग का अभ्यास करने से शरीर पूरी तरह से डिटॉक्स हो जाता है. पेट के अंदर जमा गंदगी निकल जाती है और संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
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शरीर को लचीला बनाए
इस योग के अभ्यास से शरीर लचीला बनता है. इसका अभ्यास करते समय शरीर का संपूर्ण भार हाथों पर होता है और शरीर बैलेंस होता है. इस आसन का अभ्यास करने से हड्डियां लचीली और मजबूत बनती हैं.
चेहरे को चमकाए
इस आसन का अभ्यास करने से शरीर पूरी तरह से डिटॉक्स होता है. जिससे चेहरे पर चमक आती है. इस आसन का अभ्यास करने से रक्त शुद्ध हो जाता है, जिससे त्वचा संबंधी रोग कील, मुंहासे, दाग ,धब्बे और झुर्रियां दूर होती हैं. चेहरे पर निखार आता है और चेहरा सुंदर होता है.
मधूमेह करे दूर
इस आसन के नियमित अभ्यास से रक्त में शुगर की मात्रा का बैलेंस होता है. मधुमेह (diabetes) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह आसन बहुत ही लाभकारी आसान है.
बवासीर से राहत
बाबासीर से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ये आसन उपयोगी है. इसके अभ्यास से बवासीर की बीमारी दूर होती है.
महिलाओं के लिए उपयोगी
महिलाएं यदि इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करें तो मासिक से संबंधित सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती है.
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मयूरासन करने कि विधि–
इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछा लें और जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं.
अब पंजों को एक साथ रखते हुए घुटनों को एक दूसरे से अलग करें.
अब सामने की ओर झुकें और दोनों हथेलियों को घुटने के बीच जमीन पर इस तरह रखें कि उंगलियां पंजों की ओर रहे. अब अपने हाथों को व्यवस्थित कर लें.
कोहनियां और कंधों के आगे के भाग को एक साथ रखें. कुछ और आगे झुकें और पेट को कोहनियों पर टिकाए. छाती को हाथों के ऊपरी भाग पर रखें.
अब पैरों को पीछे की तरफ सीधे एक साथ फैलाएं. शरीर की मांसपेशियों पर जोर डालते हुए धीरे-धीरे धड़ और पैरों को इस तरह उठाएं कि वह जमीन के समानांतर हो जाएं. अपने सिर को ऊपर की तरफ उठाएं.
पूरे शरीर के भार को हथेलियों पर संतुलित करें. मांसपेशियों पर ज्यादा जोर लगाकर, पैरों को सीधा रखते हुए शारीरिक संतुलन को व्यवस्थित करते हुए अपने पैरों और पंजों को और ज्यादा ऊंचा उठाने की कोशिश करें.
अब शरीर का भार छाती पर ना डालते हुए पेट पर डालें. कुछ समय तक इस स्थिति में रहे, फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं. अपने सामर्थ्य अनुसार इस आसन को दोहराएं.
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मयूर आसन योग करते समय सावधानियां-
हृदय से संबंधित रोगी और हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज इस आसन का अभ्यास ना करें.
गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
मयूर आसन का अभ्यास करते समय यदि शरीर में कहीं किसी प्रकार का कोई दर्द होने लगे तो इस आसन को तुरंत रोक देना चाहिए.
किसी बीमारी के कारण यदि शारीरिक दुर्बलता है, कमजोरी है, तो इस आसन का अभ्यास ना करें.