नई दिल्ली। यौन शोषण पर महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे #MeToo कैंपेन का बड़ा असर हुआ है. केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने #MeToo के तहत सामने आ रहे मामलों की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया है. जो कमेटी गठित की जा रही है उसमें वरिष्ठ न्यायविद् और कानून के पेशे से जुड़े लोग इसके सदस्य होंगे. जो कि सारे मामलों की जांच करेंगे.

मेनका गांधी ने कहा कि कार्यस्थलों पर महिलाओं का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. ये कमेटी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के मौजूद कानूनी पहलुओं और फ्रेमवर्क का अध्ययन करेगी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को सलाह देगी कि इन्हें और भी कैसे मजबूत किया जा सके. उन्होंने कहा कि कमेटी के सामने आकर महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी.


मेनका गांधी ने  #MeToo कैंपेन का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, “मैं हर शिकायत के पीछे छिपे दर्द और वेदना पर भरोसा करती हूं और कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के मामलों को जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ निपटाया जाना चाहिए है” मंत्रालय के मुताबिक अगले एक या दो दिनों में कमेटी का गठन हो जाएगा, इसके बाद सभी संबंधित पक्ष आकर अपनी शिकायतें यहां रख सकते हैं.

आपको बता दें कि विदेशों के बाद अब भारत में भी #MeToo कैंपेन ने जोर पकड़ लिया है. बॉलीवुड सहित मीडिया जगत से जुड़ी कई हस्तियों के खिलाफ #MeToo के तहत यौन उत्पीड़न की शिकायत आई है. खुद विदेश राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार रहे एमजे अकबर के खिलाफ भी कई महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. अकबर अभी विदेश दौरे पर हैं. विपक्ष ने इस मुद्दे पर उनका इस्तीफा मांगा है. वहीं पार्टी के भीतर भी उनके खिलाफ माहौल बनने लगा है. सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एमजे अकबर के खिलाफ महिला का बयान ही पहली नजर में सबूत है और इस मामले की जांच होनी चाहिए.