शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया है लेकिन जमीन पर इस सिस्टम को सफल बनाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। तीन चुनौतियां तो ऐसी है जिसे बगैर हल किए पुलिस कमिश्नर कमिश्नर प्रणाली सफल बनाना नामुकिन होगा। विभाग के सामने तीन चुनौतियां है जिसमें ना बल, ना संसाधन, ना जगह। ऐसे में कैसे चलेगी भोपाल में पुलिस कमिश्नरी, यह सबसे बड़ा सवाल है।
कमिश्नर प्रणाली को लेकर नए कंट्रोल रूम में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। कार्यक्रम में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी उपस्थित है। उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की और कमिश्नर प्रणाली को लेकर जानकारी भी दी। कार्यक्रम में भोपाल के तमाम अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद हैं।
बता दें कि भोपाल में 38 थानों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है। इसमें करीब 4 हजार जवानों का बल मौजूद है। बीपीएनआरडी के मुताबिक शहर की आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से करीब 6 हजार 500 जवान होने चाहिए थे। पहले से थानों में करीब 30 से 40 प्रतिशत स्टाफ कम है। पुलिस कमिश्नर प्रणाली के मुताबिक अब एक पुलिस कमिश्नर, दो असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस और 8 डीसीपी और 12 एडीसीपी और 14 एसीपी होंगे। जिनका स्टॉफ भी इसी बल से होगा। मतलब पहले से कम बल पर ये और भार पड़ेगा। पुलिस अधिकारी जल्द इसे पूरा करने की बात कह रहे है लेकिन समय किसी को नहीं पता।
पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
इरशाद वली, असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ने बताया कि राजधानी के कई थाने और कई ऑफिस जर्जर है तो कई किराए की बिल्डिंग में चल रहे है. ऐसे में नए अधिकारी आएंगे तो उन्हें कहां बैठाया जाएगा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि पुलिस कई जगह पुराने दफ्तरों को रिनोवेट कर रही तो कई नए दफ्तर तैयार किए जा रहे लेकिन उसमें भी समय लगेगा.
नए पुलिस कंट्रोल रूम में ट्रेनिंग सेंटर तैयार
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस न्यायिक कार्य भी करेगी जिसका पुलिस के पास ज्यादा ज्ञान नहीं। इसी के लिए कमिश्नर प्रणाली को मजबूत और कारगर तरीके से स्थापित करने के लिए मप्र पुलिस द्वारा मुंबई, जयपुर, लखनऊ और कानपुर से आईपीएस अधिकारियों को बुलाया जा रहा है। जो राजधानी में कमिश्नर प्रणाली में काम करने के तौर-तरीके सिखाएंगे। इसके लिए नए पुलिस कंट्रोल रूम में ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया जा रहा है। यहां ये अधिकारी आकर राजधानी पुलिस के अधिकारियों में से चुनिंदा अधिकारियों को ट्रेनिंग देंगे, लेकिन पुलिस थाने में कम्प्यूटर प्रिंटर से लेकर कई उपकरणों की कमी है जो एक बड़ा चैलेज है.
फैक्ट फाइल
ट्रैफिक का मौजूदा बल-380
सैमसंग बल- 887
बीपीएनआरडी करीब- 1200
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