Microsoft Layoffs Details: माइक्रोसॉफ्ट ने एक बार फिर बड़ी छंटनी का एलान किया है. इस बार कंपनी अपने वैश्विक कर्मचारियों में से लगभग 3% स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा रही है, यानी करीब 6000 लोगों की नौकरियां खत्म होने जा रही हैं. कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हो रहे भारी निवेश, लागत कम करने और प्रबंधन ढांचे को हल्का बनाने के चलते लिया गया है. मिडिल मैनेजमेंट रोल्स, यानी प्रबंधकीय पदों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. माइक्रोसॉफ्ट अब अपने मैनेजर्स की संख्या घटाकर टीम नियंत्रण का दायरा बढ़ाना चाहती है ताकि ज्यादा कुशल और तेज़ निर्णय हो सकें.

कर्मचारियों को क्या विकल्प दिए गए?
- निकाले गए कर्मचारियों के लिए कंपनी ने दो रास्ते खोले हैं. 60 दिन तक सैलरी और बोनस/इंसेंटिव मिलेंगे.
- दो विकल्प दिए गए हैं:
- या तो परफॉर्मेंस सुधार कार्यक्रम (PIP) के ज़रिए अपनी स्थिति को बेहतर करने का मौका लिया जाए
- या फिर 16 हफ्ते की सेवरेंस पे के साथ ग्लोबल वॉलंटरी सेपरेशन एग्रीमेंट अपनाया जाए. PIP का विकल्प चुनने वालों को 5 दिनों में फैसला लेना होगा. एक बार यह विकल्प चुनने के बाद दूसरे विकल्प का लाभ नहीं मिलेगा.
पिछली छंटनी से तुलना
- साल 2023 में कंपनी ने लगभग 10,000 कर्मचारियों को बाहर किया था. उसके बाद से यह सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है.
- किस-किस को निकाला गया?
- इस छंटनी में विभिन्न स्तरों के कर्मचारी, विभिन्न देशों और विभिन्न विभागों से शामिल हैं.
- अकेले वॉशिंगटन राज्य में 1985 कर्मचारी कंपनी के रोल पर थे, इनमें से भी कई प्रभावित हुए हैं.
एआई बना कारण और समाधान दोनों
- AI पर बढ़ते खर्च और निवेश ने माइक्रोसॉफ्ट को नए अवसर तो दिए हैं, लेकिन इसी के चलते कंपनी को मार्जिन प्रेशर का भी सामना करना पड़ा है.
- FY2025 में कंपनी 80 बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रही है, जिसमें बड़ा हिस्सा डेटा सेंटर्स और AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा.
कारोबार पर असर?
हालांकि छंटनी की खबर निराशाजनक है, लेकिन जनवरी-मार्च तिमाही में माइक्रोसॉफ्ट ने वॉल स्ट्रीट के अनुमानों से बेहतर मुनाफा और बिक्री दर्ज की है. कंपनी का मानना है कि इस कदम से भविष्य में लंबे समय तक बेहतर स्थिरता और दक्षता सुनिश्चित होगी.
AI का विस्तार अब केवल टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि नौकरियों का चेहरा भी बदल रहा है. माइक्रोसॉफ्ट की यह छंटनी भविष्य की रणनीतियों का हिस्सा है, लेकिन इसका सीधा असर हजारों परिवारों पर पड़ा है.