नई दिल्ली। चीनी मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाने की शुरुआत जो भारत ने की है, उसका अगला पड़ाव अमेरिका होने जा रहा है. और निशाने पर कोई और एप नहीं बल्कि TikTok है. जिसके अमरीकी ऑपरेशन को बेचने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दबाव बनाए हुए हैं. वहीं दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट भी TikTok को खरीदने के लिए तैयार बैठी है. कहा जा रहा है कि TikTok का सौदा इस शताब्दी का सबसे बड़ा सौदा हो सकता है.
कंप्यूटर जगत में बड़ा नाम होने के बाद भी माइक्रोसॉफ्ट के पास मोबाइल में कोई एप नहीं है, जो लोगों को अपनी ओर खींच सके. ऐसे में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने या फिर अमरीकी कंपनी बनने का बनाया जा रहा दबाव माइक्रोसॉफ्ट के लिए अवसर लेकर आया है. TikTok की खरीदी से माइक्रोसॉफ्ट की एक झटके में मोबाइल में पकड़ बन जाएगा. और इसके लिए वह कोई भी न कहें, तो भी बड़ी कीमत देने को तैयार है.
माइक्रोसॉफ्ट TikTok के अमरीकी के अलावा कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ऑपरेशन को खरीदने के लिए तैयार है, इसमें भारत और यूनाइडेट किंगडम शामिल नहीं है. इन चारों देशों से इस साल करीबन 700 मिलियन सालाना रैवेन्यू प्राप्त हुआ है. लेकिन सौदा तो भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए किया जाता है. इस लिहाज से TikTok की पैतृक कंपनी बॉयटडांस (ByteDance) का मानना है कि कीमत 50 बिलियन डॉलर है. हालांकि, भारत और यूके को शामिल किए बिना यह कीमत अतिश्योक्ति लगती है.