हाकिम नासिर, महासमुंद.  जिले का शिक्षा विभाग एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो चुका है कि अब यहां के अधिकारी-कर्मचारी मध्यान भोजन की राशि को भी डकारने में पीछे नहीं हट रहे हैं.

विभाग के इस कारनामे का खुलासा एक आरटीआई से हुआ है. महासमुंद के बसना ब्लॉक के बीईओ कार्यालय में पदस्थ बाबूओं और कर्मचारियों ने मिलकर मध्याह्न भोजन शाखा से चार साल में खुद के नाम से 12 लाख से अधिक रुपए की राशि का आहरण किया है. कर्मचारी अपने नाम से और सेल्फ चेक काटकर रूपये निकालते है.

बीईओ कार्यालय में पदस्थ बाबू और कर्मचारी महिला स्व सहायता समूहों को दी जाने वाली मध्याह्न भोजन की राशि खुद के नाम से निकाल रहे हैं. कभी किसी कर्मचारी के नाम से तो कभी सेल्फ चेक के माध्यम से पिछले चार साल में मध्याह्न भोजन की 12 लाख रुपए से अधिक की राशि निकाली गई है.

आरटीआई कार्यकर्ता विनोद दास के अनुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 से ही यह खेल जारी है. सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से इस मामले का खुलासा हुआ है. जिसमें कर्मचारियों ने खुद के नाम से और सेल्फ चेक के जरिए मध्याह्न भोजन की राशि निकाली है.

विनोद दास ने बताया कि नियमानुसार मध्याह्न भोजन की राशि संबंधित महिला स्व सहायता समूह के खाते में सीधे ट्रांसर्फर किया जाना चाहिए. यदि ट्रांसर्फर नहीं हो पा रहा है, तो समूह के नाम से चेक काटा जाता है. किसी भी हाल में कोई भी कर्मचारी मध्याह्न भोजन की राशि सेल्फ या अपने नाम से चेक काटकर नहीं निकाल सकता और यदि ऐसा होता है तो यह नियम विरूद्ध है.

मामला सामने आने के बाद जब महासमुंद के जिला शिक्षा अधिकारी बी.एल. कुर्रे से बात की गई तो उनका कहना था आपने मामले से अवगत कराया है. इसमें जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी. जांच के लिए कुर्रे ने तीन सदस्यी टीम को जवाबदारी सौपी है, इस टीम में सहायक संचालक सतीश नायर सहित दो बाबू भी शामिल है.

खुद के नाम से और सेल्फ चेक के जरिए मध्याह्न भोजन की राशि निकालने के मामले की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता विनोद दास ने कलेक्टर से करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को अवगत कराया है.