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अजयारविंद नामदेव, शहडोल। वन्यप्राणी और मानव द्वंद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बाघ के हमले से मौत की दूसरी घटना है। इस बार जंगल में लकड़ी लेने गए अधेड़ ग्रामीण, बाघ का शिकार बन गया। शहडोल जिले के शहडोल वन परिक्षेत्र के अंतरा बीत अंतर्गत पंचगांव बिरहुलिया मार्ग पर जंगल में लकड़ी बीनने गए एक ग्रामीण को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। बाघ अधेड़ को जंगल में घसीट ले गया।
बाघ के हमले से ग्रामीण की मौत हो गई। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। सर्च अभियान के बाद ग्रामीण का शव झाड़ियों में मिला। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया। जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर अधेड़ ग्रामीण जमुना बैगा पंचगांव बिरहुलिया मार्ग के जंगल लकड़ी बीनने गया था। इसी दौरान झाड़ी में छिपे बाघ जमुना बैगा पर हमला कर उसे घसीटकर जंगल के अंदर ले गया। जहां वन्यप्राणी और मानव द्वंद युद्ध हुआ इस लड़ाई में ग्रामीण की जान चली गई। बाघ ने ग्रामीण के कई टुकड़े कर दिए। जिससे उसका क्षत विक्षत शव जंगल में पड़ा था।
प्रदेश के संरक्षित क्षेत्र, उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या क्षमता से ज्यादा हो गई है तो सामान्य वनमंडलों में भी बाघ दिखाई देने लगे हैं। शायद यही कारण है कि बाघ रिहायशी इलाकों में विचरण कर रहे। इस पूरे मामले में वनमंडलाधिकारी वन मंडल दक्षिण शहडोल श्रद्धा पंद्रे का कहना है कि, लकड़ी बीनने गए एक ग्रामीण की बाघ के हमले में मौत होने की सूचना मिली है। सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता राशि 8 लाख है, जिसमें से अभी रेंज ऑफिसर ने तत्काल सहायता राशि 10 हजार दिया गया है। शेष राशि पीएम रिपोर्ट आने के बाद उपलब्ध कराया जाएगा। लोगों से अपील की गई है। जंगल क्षेत्र में न जाए और यदि वन्य प्राणी कही दिखाई दे तो उन्हें नुकसान न पहुंचाए।
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