पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। 1 दिसम्बर को धान खरीदी होनी है. हर बार की तरह इस बार भी बिचौलिए, प्रशासनिक लापरवाही के चलते खरीदी योजना का भरपूर फायदा उठा रहे हैं. बीते 15 दिनों से देवभोग से लगे ओडिशा के कालाहाण्डी, नवरंगपुर व नूवापडा जिले के सीमा से धान भरी दर्जनों गाड़ियां रोजाना सीमा पार कर देवभोग पहुंच रही है.
दिन में मंडी लाइसेंस कारोबारियों की गाड़ी सड़कों पर दिखती है, जिनमें अधिकांश मंडी शुल्क व अन्य फार्मेलिटी पूरी पर विधिवत कारोबार कर रहे हैं, तो रात में बिचौलिए अंधेरे का फायदा उठाकर पिकअप में धान की सप्लाई सीधे उन किसानों के घर तक कर रहे हैं, जिनके खेतों में धाम कम हुआ है, लेकिन राजस्व रिकार्ड में बंफर उत्पादन बता दिए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, तीनों सीमा में सर्वाधिक नूवापडा जिले कैठपदर चेक पोस्ट से सर्वाधिक 12 से 15 पिकअप रोजाना देवभोग ब्लॉक के गांवों में प्रवेश कर रहे हैं, वहीं झिरीपानी व बरही इलाके से भी औसतन रोजाना 6- 6 ट्रिप धान पहुंच रहा.
ऐसा नहीं कि इसकी भनक प्रशासन को नहीं, धान तस्करों का सारा रोडमेप स्थानीय प्रशासनिक तंत्र को मालूम है. वाहन धरपकड़ कर धान की तस्करी को रोकने में सक्षम सभी अफसरों ने अपने-अपने नेटवर्क सभी सीमाओं पर तैनात कर दिया है. रही-सही सूचना की कसर कोटवार व बिचौलियों के प्रतिद्वंदी पूरी कर रहे हैं.
केवल दो बिचौलियों की गाड़ी पकड़ाई
मिली जानकारी के मुताबिक, सप्ताह भर पहले शुरू हुई धरपकड़ अभियान में अब तक 15 से भी ज्यादा वाहनों से जिम्मेदारों का आमना-सामना हो चुका है, लेकिन पकड़ में केवल 2 बिचौलिए का वाहन आया है. एसडीएम टीआर देवांगन ने मंगलवार की देर रात निष्टिगुडा इलाके से पिकअप क्रमांक ओआर 24 बी 7101 में 56 बोरा धान पकड़ाया है.
पकड़े गए दो वाहन मंडी लाइसेंसी व्यापारी का है, जो दिन में धान भर कर आ रहा था. कारोबरियों द्वारा वैधानिक दस्तावेज दिखाने के बाद उसे छोड़ने की तैयारी चल रही है.
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बिचौलियों के छूट पर उठ रहा सवाल
धान के कारोबार में एमएसपी व अन्य प्रावधान के तहत किसी भी सीमा से कारोबार करने लाइसेंसी व्यापारियों को छूट है. इस बीच कारोबारियों के वाहनों की धरपकड़ पर सवाल उठने लगे हैं. सवाल इसलिए कि रात के अंधेरे में दौड़ रही बिचौलियों के वाहनों के कम धरपकड़ के कारण है.
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चर्चा है कि लाइसेंसी कारोबारी कम मुनाफे के अंतराल में कारोबार कर धान बाहर भेज रहा है, जबकि बिचौलिए 2500 कीमत में समर्थन मूल्य में बेचने वालों को 1600 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खपा रहे हैं. प्रति क्विंटल 600 से भी ज्यादा की कमाई होने के कारण, आसानी से जिम्मेदारों को अपने फ़ेवर में करने को चर्चा इलाके भर में हो रही है.
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आम आदमी को खरीदी का अधिकार नहीं
एसडीएम टीआर देवांगन ने बताया कि जहां भी सूचना मिल रही है, उस वाहन को रोक कर तब तक रखा जा रहा है, जब तक उसकी वैधानिकता की पुष्टि नहीं हो जाती है. लाइसेंसी व्यापारी नियम पालन कर कारोबार कर सकते हैं. आम आदमी को खरीदी का अधिकार नहीं है. कोई अगर वाहन पकड़ने के बाद सीमा पर छोड़ रहा होगा तो इसकी जानकारी अधिकारियों को देकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.