विकास कुमार, सहरसा। लोक आस्था के महापर्व छठ और बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद अब सहरसा सहित पूरे कोसी क्षेत्र से प्रवासी मजदूरों का पलायन एक बार फिर से शुरू हो गया है। छठ पूजा और मतदान में हिस्सा लेने के लिए अपने गांव लौटे मजदूर अब दोबारा रोजगार की तलाश में दिल्ली, अमृतसर, लुधियाना, सूरत जैसे बड़े शहरों की ओर रवाना हो रहे हैं।


सहरसा स्टेशन पर आज बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने परिवारों से विदा लेकर विभिन्न ट्रेनों में सवार होते नजर आए। मजदूरों ने बताया कि वे हर साल त्योहारों के समय घर लौटते हैं, लेकिन रोजगार की कमी के कारण फिर से पलायन करना पड़ता है।

जब मतदान और रोजगार को लेकर प्रवासी मजदूरों से बात की गई, तो उनका कहना था कि उन्होंने इस बार विकास और रोजगार के मुद्दे पर मतदान किया है। मजदूरों ने नई बनने वाली सरकार से उम्मीद जताई है कि बिहार में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि उन्हें दोबारा अपने घर से दूर न जाना पड़े।

प्रवासी मजदूर सोनू कुमार ने कहा कि “हमने इस बार रोजगार और विकास के नाम पर वोट किया है, उम्मीद है कि सरकार अब बिहार में काम का माहौल बनाएगी। वहीं मोहम्मद जाकिर खान ने कहा, हर साल बाहर जाना पड़ता है, चाहत है कि अपने ही राज्य में रोजगार मिले ताकि अपने परिवार के साथ रह सकें।

बादल कुमार ने कहा, “त्योहार और चुनाव खत्म, अब फिर वही मजबूरी घर छोड़कर बाहर जाना पड़ रहा है।
मालिक मुखिया ने कहा, “सरकार अगर रोजगार की व्यवस्था करे तो पलायन रुक सकता है।

छठ और चुनावी रौनक खत्म होने के साथ ही एक बार फिर सहरसा स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई है। यह भीड़ है उन मजदूरों की, जो अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर पेट की खातिर जाने को मजबूर हैं। अब देखना यह होगा कि नई बनने वाली सरकार उनकी उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।

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