मिल्कीपुर विधानसभा में उपचुनाव को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले ली है. बुधवार सुबह इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में लंबित अपनी याचिका को वापस लिया है. उन्होंने हाईकोर्ट पहुंचकर रिट पीटिशन वापस करने के लिए एफिडेविट दाखिल किया. बाबा ने कहा कि 2022 में समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद निर्वाचित हुए थे. उनके गलत दस्तावेजों को लेकर हमने याचिका दाखिल की थी. बाद में वह सांसद बन गए और सीट रिक्त हो गई थी. ऐसे में अब उस याचिका का कोई मतलब नहीं है. रिट पीटिशन शून्य हो गई है. अब हम अपनी याचिका को वापस लेने का काम कर रहे हैं.
मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ जब चुनाव हार गए थे, तो उन्होंने वहां से तब के जीते समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के जीत को लेकर याचिका दायर की थी. जिस पर अदालत से फैसला नहीं आया है. हालांकि अब अवधेश प्रसाद अयोध्या लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बन चुके है.
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भाजपा के लिए सम्मान और प्रतिष्ठा
राम मंदिर के उद्घाटन के कुछ महीनों बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी यह सीट हार गई थी. इसे राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक मुख्य भूमिका में रही भाजपा को तगड़ी भावनात्मक चोट पहुंची थी. जबकि समय समय पर अखिलेश यादव भी इस विषय पर भाजपा के साथ मजा लेते रहते हैं. यही कारण है कि भाजपा के लिए ये सीट सम्मान और प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है.
सीएम के पास इस सीट की जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद मिल्कीपुर सीट पर जीत का खाका खुद सीएम योगी बुन रहे है. वो खुद दो बार मिल्कीपुर विधानसभा आकर अधिकारियों और नेताओं की बैठक ले चुके है. उन्होंने यहां रोजगार मेला समेत हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया है. लेकिन राजनैतिक पंडितों के मुताबिक, दलित और मुस्लिम मतदाताओं की वजह से ये सीट भाजपा से फिलहाल दूर मानी जा रही है.
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