पटना/ कुंदन कुमार की रिपोर्ट

Millat Bachao Mulk Bachao conference पटना के बापू सभागार में ‘मिल्लत बचाओ मुल्क बचाओ’ कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के हक और अधिकारों को लेकर चर्चा हुई।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समाज के कमजोर तबके को एससी/एसटी एक्ट 1989 के तहत शामिल करने की मांग को मजबूती से रखना था। इस आयोजन की अगुवाई ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. एजाज अली ने की।

पटना के बापू सभागार में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में 1989 में बने अत्याचार निवारण एक्ट मे माइनॉरिटी को शामिल किए जाने की बात कही गई। ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा एवं सेंटर फॉर पीस द्वारा कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का संबोधन हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि तीन तलाक कानून अपनी मर्जी से समाज में बनाया हुआ कानून है।

कमजोर मुसलमान की सहायता के लिए वह संपत्ति थी


वक्फ संशोधन कानून सही हैं क्योंकि कमजोर मुसलमान की सहायता के लिए वह संपत्ति थी। मगर उस संपत्ति पर मॉल अस्पताल और कमर्शियल सेंटर बने हुए हैं। ईसाई समाज अपने गरीब समाज के लोगों के लिए स्कूल बनाते हैं। क्या वक्फ ने कभी कोई ऐसे स्कूल 20 से 25 साल मे बनाए हैं जो गरीब मुसलमान के काम आ रहा हो। देश के गरीब पिछड़े मुसलमान को जज्बात के नाम पर लूट गया है।

गरीब मुसलमान के बच्चे मदरसा में पढ़ते हैं


अमीर मुसलमान के बच्चे मदरसा में नहीं पढ़ते हैं गरीब मुसलमान के बच्चे मदरसा में पढ़ते हैं। अमीर मुसलमान के बच्चे अमेरिका पढ़ने जाते हैं मुसलमान संगठन सिर्फ अपने फायदे के लिए गरीब मुसलमान का उपयोग कर रहे हैं। अमीर मुसलमान गरीब मुसलमान को व्यवसाय बना चुके हैं। वक्फ संशोधन बिल का विरोध अमीर मुसलमान इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका व्यवसाय खत्म होने जा रहा है। मुसलमान की हक की बात के लिए लड़ाई हुआ नहीं लड़ रहे हैं उन्हें अपने व्यवसाय खत्म होने की चिंता है

हर एक नागरिक को समान अधिकार


आरिफ मोहम्मद खान ने अपने संबोधन के कहा हमारे संविधान ने अल्पसंख्यक किसको कहा है मगर संविधान में यह नहीं बताया कौन अल्पसंख्यक है।। देश का संविधान हर एक नागरिक को समान अधिकार दिया है। देश में माइनॉरिटी खुद को कोई कैसे कह सकता है। जो खुद को माइनॉरिटी कहते हैं वह खुद मान रहे हैं कि हम कम है वह बराबर कैसे हो सकते हैं। अमीर मुसलमान वक्फ के नाम पर चंदे वसूल रहे है गरीब मुसलमान के नाम पर खुद फायदा उठा रहे हैं


मुसलमान ने पाकिस्तान को बनाने का तर्क दिया था मुसलमानों को बचाने का उर्दू बहुत ही खूबसूरत जुबान है और कितने मुसलमान उर्दू बोलते होंगे इसका पता नहीं। समाज अगर एक बार बटवारा करना सीख लें तो बटवारा ही करता है। डेमोक्रेसी में विशेष अधिकार की मांग नहीं करना चाहिए।