कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में NGT को गुमराह करने का मामला सामने आया है। जहां आरोप है कि खनन माफिया से मिलकर खनिज विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सिर्फ वरिष्ठ अफसरों को ही नहीं बल्कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भी गुमराह कर रहे हैं।

ये तो गजब ही हो गया! तहसीलदार ने पटवारी से मांगी रिश्वत, 35 हजार की तनख्वाह रिलीज करने मांगे 30 हजार, लेनदेन का कथित ऑडियो वायरल

दरअसल ग्वालियर के शताब्दीपुरम इलाके के पास स्थित खदानों के कई फीट गहरे गड्ढों को लेकर एनजीटी कोर्ट ने इन्हें भरने का आदेश दिया था। लेकिन NGT कोर्ट में खनिज विभाग ने रिपोर्ट देकर गहराई को लेकर सफेद झूठ बोला है। इन खदानों में 200 फीट से ज्यादा गहरे गड्ढे हैं। जो खनन कर काला पत्थर निकालने से हुए हैं। और अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों और एनजीटी को दी रिपोर्ट में ये गड्ढे 60 से 90 फीट तक ही गहरे बताए हैं। जब मौके पर कलेक्टर ने जांच कराई तो अफसरों के सफेद झूठ का सच सामने आया कि खाईनुमा इन गड्ढों की गहराई 200 से 225 फीट तक है। इसलिए कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए है।

MP News: विधानसभा में आर्थिक के साथ कृषि सर्वेक्षण भी प्रस्तुत करेगी मोहन सरकार, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने शुरु की तैयारी

आपको बता दे कि 2018 में बंद हुई इन खदानों के गड्ढे न भरवा पाने वाले जिम्मेदार अधिकारी अब रिपोर्ट को लेकर गोलमोल जवाब दे रहे हैं। जिला माइनिंग अधिकारी प्रदीप भूरिया का कहना है कि हमने जो जांच कराई थी हमारे मेजरमेंट में हमने मीटर में रिपोर्ट दी थी उस रिपोर्ट को कन्वर्ट करने पर वह 200 फीट से ज्यादा ऊपर जाता है इसलिए मीटर और फिट को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति है, एनजीटी की रिपोर्ट में हमने 100 से ढाई सौ मीटर दी थी उस आधार पर रिपोर्ट हमारे द्वारा सही भेजी गई है।

दो ट्रेनों में घूमती रही महिला की कटी लाश: पहले इंदौर में मिला आधा हिस्सा, अब ऋषिकेश पहुंची ट्रेन में मिले कटे हाथ-पैर

खादानो की गहराई में गड़बड़झाले के पीछे आशंका है कि अधिकारियों की टीम ने गड्ढों की कम गहराई इसलिए दिखाई है ताकि, खनन करने वाले अधिक खनन के नियम-कानून के दायरे से बच सकें।क्योंकि, अधिक गहराई पाए जाने पर अधिक जुर्माना भी किया जा सकता है।गौरतलब है कि बारिश का पानी इन गड्ढों में कई वर्षों से भरा हुआ है और उसमें से बदबू भी फैल रही है। खदान में नीचे जाने का रास्ता भी खुला है, जिससे इंसान या जानवर गहराई तक पहुंच जाते हैं। ऊपरी हिस्से में फेंसिंग नहीं कराई, जिस कारण इंसान या जानवर यहां हादसे का शिकार हो सकते हैं।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H