रायपुर. छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता को आज भी दलितों, महिलाओं व मजदूरों के उत्थान के अलावा समाज सुधार की दिशा में किए गए कार्यों के लिए याद किया जाता है. उनकी जयंती पर सतनामी समाज के अलावा विभिन्न संगठनों की ओर से 13 मार्च को विविध कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

असम के नुवागांव जिले के ग्राम जमुनामुख में सन् 1913 में जन्मीं मिनी माता का मूल नाम मीनाक्षी देवी था. महंत बुढ़ारी दास और देवमती बाई की संतान मीनाक्षी का विवाह सतनामी समाज के गुरु अगमदास से हुआ, जिनके साथ मिलकर उन्होंने सामाजिक सुधार में सक्रिय भूमिका निभाई. वर्ष 1952 पति के आकस्मिक मौत के बाद रिक्त संसदीय क्षेत्र सारंगढ़ के उपचुनाव में विजयी होकर छत्तीसगढ़ क्षेत्र की प्रथम महिला सांसद बनीं. वर्ष 1952 से 1972 तक लोकसभा में सारंगढ़, जांजगीर तथा महासमुंद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 11 अगस्त 1972 को भोपाल से दिल्ली जाते हुए विमान दुर्घटना में मिनीमाता की मृत्यु हो गई. छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में महिला उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनी माता सम्मान वर्ष 2001 में किया है.

मानव सेवा को समर्पित जीवन

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची मिनीमाता ने परिवार के साथ समाज की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया. मानव सेवा के लिए जीवन समर्पित करते हुए जात-पात में बंधे समाज को उबारने के लिए संसद में अस्पृश्यता अधिनियम को पास कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा मजदूरों को एकजुट करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाते हुए छत्तीसगढ़ मजदूर संघ का गठन कर उनके अधिकारों की सुरक्षा के साथ उन्नति का काम किया.

मनाया जा रहा मातृशक्ति दिवस

प्रदेश की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की जयंती ‘मातृशक्ति दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. इस अवसर पर न्यू राजेन्द्र नगर स्थित सांस्कृतिक भवन में दोपहर 3 बजे से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. सतनामी समाज के कलाकारों द्वारा जहां रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी, वहीं इस मौके पर समाज की 11 महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शकुन डहरिया होंगी. अध्यक्षता पूर्व विधायक पदमा मनहर करेंगी.