Minimum Balance Rules: क्या आपने कभी सोचा है कि आपके सेविंग अकाउंट में कितना मिनिमम बैलेंस होना चाहिए, इसका फैसला कौन करता है? आपको लग सकता है कि यह RBI तय करता होगा, लेकिन सच्चाई इससे अलग है.
बीते कुछ समय से मिनिमम बैलेंस लिमिट का मुद्दा लगातार चर्चा में है. यह वही रकम है जो ग्राहक को अपने बैंक अकाउंट में बनाए रखनी होती है. अगर यह रकम तय सीमा से नीचे चली जाए, तो बैंक जुर्माना वसूलता है.
पहले कई सरकारी बैंकों ने इस लिमिट को खत्म कर दिया था, जिससे ग्राहकों को राहत मिली. लेकिन हाल ही में ICICI बैंक ने बिल्कुल उल्टा कदम उठाते हुए अपनी लिमिट बढ़ा दी.
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Minimum Balance Rules
ICICI बैंक का नया नियम (Minimum Balance Rules)
1 अगस्त से खोले जाने वाले सभी सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया.
अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए यह लिमिट ₹25,000 है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह लिमिट ₹10,000 रखी गई है.
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RBI का स्टैंड (Minimum Balance Rules)
ICICI बैंक के इस फैसले पर RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ कहा “मिनिमम बैलेंस तय करना बैंकों का अपना अधिकार है, RBI इसमें दखल नहीं देगा.”
इसका मतलब साफ है, अब हर बैंक अपनी मर्जी से लिमिट बढ़ा या घटा सकता है, और ग्राहक को उसी हिसाब से पालन करना होगा.
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अन्य बैंकों की स्थिति (Minimum Balance Rules)
SBI, केनरा बैंक, PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक: मिनिमम बैलेंस लिमिट खत्म, कोई पेनाल्टी नहीं.
HDFC बैंक: ₹10,000 से ₹25,000 तक (अकाउंट टाइप के हिसाब से).
एक्सिस बैंक: ग्रामीण इलाकों में ₹10,000, लिमिट से नीचे जाने पर 6% पेनाल्टी.
IDFC फर्स्ट बैंक: ₹10,000 से ₹25,000 तक (अकाउंट टाइप के हिसाब से).
क्या करें ग्राहक? (Minimum Balance Rules)
- अकाउंट खोलने से पहले बैंक की शर्तें ध्यान से पढ़ें.
- बैलेंस लिमिट के साथ-साथ जुर्माना और मेंटेनेंस चार्ज भी जानें.
- अगर आपको हर महीने बैलेंस मेंटेन करने में दिक्कत है, तो ऐसे बैंक का चुनाव करें जहां यह लिमिट कम या खत्म हो.
इस फैसले का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा, क्योंकि अब मिनिमम बैलेंस लिमिट सिर्फ RBI के नियमों से नहीं, बल्कि बैंक की मर्जी से तय होगी.
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