रायपुर। गरियाबंद जिले के मैनपुर से शनिवार की आधी रात बड़ी संख्या में ग्रामीण वन मंत्री के पास जंगल की गुहार लगाने की मांग करते हुए आ पहुँचे. मंत्री मो. अकबर को भी जैसे ही इस बात की जानकारी लगी. उन्होंने तत्काल ग्रामीणों के साथ बैठक कर मामले की पूरी जानकारी ली. आदिवासियों की बात पूरी गंभीरता से सुनने के बाद तत्काल उन्होंने जाँच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा, कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मंत्री के समक्ष जंगल बचाने की मांग करने पहुँचे ग्राम पंचायत धनौरा-पिपलखुंटा के ग्रामवासियों ने मो. अकबर को बताया कि राजपुर, हल्दीकछार, पुरीपत्थरा, कुसुमकरिया के जंगलों में पेड़ों की अवैध कटाई जमकर चल रही है. वहाँ अवैध तरीके से पड़ोसी राज्य उड़ीसा के लोगों को बसाया जा रहा है. इसके पीछे वन विभाग के ही अधिकारियों का हाथ है. स्थानीय निवासियों ने मंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि वन विभाग के रेंजर नीलकण्ठ गंगवेर तथा उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने मिलकर धुरवा गुड़ी इंदागांव रेंज में 1204 और 1206 को उड़िसा वालों के पास बेच दिया है. इस इलाके में सारे सागौन का पेड़ था , करीब 10 हजार हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहँचाया गया है. इस काम में जिला का पूरा वन मकहमा मिला हुआ है. क्योंकि किसी इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जबकि हमने डीएफओ से भी शिकायत की थी. लेकिन कार्रवाई तो दूर वहाँ निरीक्षण के लिए भी कोई अधिकारी नहीं पहुँचा है.

मंत्री सभी ग्रमीणों के साथ काफी देर तक बातचीत करने और उनकी पूरी बात को सुनने के बाद यह भरोसा दिलाया कि जंगल को बचाया जाएगा. जंगल को तबाह करने वालों में जो भी अधिकारी-कर्मचारी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.  

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