रायपुर। प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत राजनेताओं की बिरादरी में अपनी अलग ही पहचान रखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरगुजा-अंबिकापुर से संबद्ध रखने वाले अमरजीत भगत ने अपने करियर की शुरुआत एलआईसी एजेंट के तौर पर की थी, लेकिन फिर दिशा बदली और सक्रिय राजनीति में आ गए और आज प्रदेश मंत्रिमंडल में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. अमरजीत सिंह भगत ने अपने इस उतार-चढ़ाव से भरे सफर को स्वराज एक्सप्रेस के देसी टॉक – अपन बात, अपन अंदाज में संदीप अखिल के जरिए श्रोताओं से साझा की.

एलआईसी एजेंट के तौर पर करोड़पति एजेंट तक का सफर करने वाले मंत्री अमरजीत भगत ने अपने जीवन से जुड़ी अनेक बातों को संदीप अखिल के साथ साझा की. उन्होंने बताया कि आज भी उन्हें प्रायमरी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक श्रीराम कुमार बैगा याद हैं. उनको पहाड़ा कण्स्थ रहा करता था, और उनको देखकर छात्रों को पहाड़ा याद हो जाता था, क्योंकि पढ़कर नहीं आने पर कनेर की छड़ी से मार पड़ती थी. लेकिन वे बच्चों को बेवजह नहीं मारा करते थे, बच्चे आगे बढ़ें इसके लिए परीक्षा के दौरान अपने निवास में भी छात्रों को बुलाकर अलग से पढ़ाते थे. एलआईसी एजेंट के तौर पर करोड़पति एजेंट तक का सफर किया है.  ससुराल जाते थे तो उसी में जाते थे स्कूटर में जाते हैं. दूसरे लोग भी मुझसे ससुराल जाने के लिए स्कूटर मांगते थे.

देखिए वीडियो : 

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