नितिन नामदेव, रायपुर। हमारी संस्कृति में जो बात है, वो और कही नहीं है. आज मानस मंडली का आयोजन को देश और दुनिया में देख रहे हैं. ईश्वर हर किसी को अवसर देता है, हम लोगों को अवसर मिला है, हम पूरी लगन के साथ कर रहे हैं. हम कोशिश करेंगे कि भगवान और भक्त के बीच कोई तीसरा न आए. यह बात संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य स्तरीय रामायण मंडली प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए कही.

राजधानी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित तीन दिवसीय प्रतियोगिता के पहले दिन आज रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, गरियाबंद, बलौदाबाजार, भाटापारा और महासमुंद जिले के मध्य प्रतियोगिता आयोजित की गई है. उद्घाटन कार्यक्रम में मंत्री अमरजीत भगत सहित, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, निगम मंडल अध्यक्ष महंत राम सुंदर, सहित प्रतिनिधि मौजूद रहे.

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता का यह तीसरा वर्ष है. पंचायत और जिला से लेकर जगह-जगह से लोग पहुंचे हैं. सरकार की यह छोटी सी पहल है. 42 लाख अनुदान राशि देकर हमने प्रोत्साहित करने का काम किया है. भगवान राम प्रदेश लंबा समय बिता है. वनवास काल के दौरान लंबा प्रवास रहा. संस्कृति और पर्यटक विभाग उनको जोड़कर विकसित करने का प्रयास कर रहा है. भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांजे हैं.

उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नहीं सिखाता कि किसी को छोटा या नीचा करे. छत्तीसगढ़ी होने पर हमको गर्व है, हमारी संस्कृति, हमारा अभिमान है. ये अपने आप में गर्व की बात है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति को लोग भुला दिए थे. तीन से चार साल के कलाकार ऑफिस और दफ्तर के चक्कर लगाते हैं. मैने कहा जितने का भी भुगतान है, वो अब ऑफिस के चक्कर ना लगाएं. अब समय पर उनको भुगतान और काम दोनों ही मिलता है.