भोपाल। मध्यप्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Minister Bhupendra Singh) को विधानसभा चुनाव के पहले बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की जांच में शिकायत प्रमाणित नहीं हो सकी, लिहाजा आय से अधिक संपत्ति का केस बंद कर दिया है। कांग्रेस ने एक नेता ने लोकायुक्त में शिकायत की थी। मामला सामने आने के बाद राजनीतिक बवाल मच गया था और कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया था। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने आफिशियल ट्विटर अकाउंट ‘X’ से लोकायुक्त की जांच संबंधी जानकारी साझा की है।

10 करोड़ का करेंगे मानहानि का दावा

कांग्रेस ने पुनीत टंडन से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ लोकायुक्त संगठन में शिकायत दर्ज कराई थी। लोकायुक्त संगठन ने विस्तृत जांच के बाद आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने पर शिकायत को समाप्त कर दिया है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ कांग्रेस द्वारा किया गया षड़यंत्र पूरी तरह से विफल हो गया है। मेरी छवि खराब करने के लिए झूठी शिकायत की गई, इससे मुझे मानसिक परेशानी हुई है, इसलिए शिकायतकर्ता के ऊपर 10 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा करूंगा।

11 मई को की गई थी शिकायत

उन्होंने कहा कि मेरे पूरे राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावजूद किसी भी प्रकार का आरोप नहीं लगा है। कांग्रेस द्वारा जो अप्रमाणिक शिकायतें की गई थीं, वह जांच में आधारहीन पाई गईं। परिणामस्वरूप कांग्रेस का षड़यंत्र विफल हुआ और सत्य की जीत हुई। कहा कांग्रेस मुद्दों की नहीं षड़यंत्र की राजनीति करती है। मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच शुरू की थी। कांग्रेस ने उन पर पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगाए थे और इसे लेकर 11 मई 2023 को लोकायुक्त को शिकायत की गई थी। मामले को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और आरटीआई प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

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