दिल्ली में आज से पर्यटक सफेद बाघ के शावकों का दीदार कर सकेंगे. केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जूलॉजिकल पार्क में आज सफेद बाघ के शावकों को अखाड़े में रिहा किया है. आपकों बता दें कि चिड़ियाघर में 8 महीने पहले सीता नामक की बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया था. इस चिड़ियाघर में कुछ चार सफेद बाघ है, जिनमें से 3 नर सफेद बाघ है तो एक मादा बाघ है. वहीं इन शावकों में एक नर और एक मादा है.
8 महीने के हुए शावक सीता नाम की सफेद बाघिन दिल्ली चिड़ियाघर में काफी फेमस है. उसने पिछले साल अगस्त में जुड़वा शावकों को जन्म दिया. जिस पर तीनों को क्वारंटीन कर दिया गया था. अब 8 महीने की उम्र में उन्होंने मां के साथ चलना और खेलना-कूदना सीख लिया है. इस वजह से उन्हें पिंजरे से रिलीज कर दिया गया.
जूलॉजिकल पार्क में आज रिहा किए गए बाघों के बच्चों की मस्ती के लिए पूरा इंतेजाम किया गया है. इनकी चहलकदमी के लिए जहां करीब 1500 वर्गफुट क्षेत्र निर्धारित किया गया है. वहीं इनके बाड़े में वाटर पूल, वाटर पॉन्ड, वाटर स्प्रिंकलर बनाए गए है. इन्हें समय-समय पर पानी से भरा जाता रहेगा. इनके खाने-पीने का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. यहीं नहीं गर्मी से इन्हें बचाने के लिए बाड़े में कूलर भी लगाए जा रहे है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा सफेद बाघिन के इन बच्चों का नामकरण भी किया जाएगा.
सीता के दोनों शावकों के चहलकदमी करने के लिए करीब 1500 वर्गफुट क्षेत्र निर्धारित किया गया है. इनके बाड़े में वाटर स्प्रिंकलर, वाटर पॉन्ड, वाटर पूल बनाए गए हैं, जिसमें इन्हें मस्ती करने का पूरा बंदोबस्त रहेगा.
क्यों अलग होते हैं सफेद बाघ?
सामान्य बाघों का शरीर लाल और पीले रंग का मिश्रण होता है, जबकि उस पर काले रंग की धारियां रहती हैं, लेकिन सफेद बाघ में ये दोनों रंग गायब रहते हैं. इसके सफेद रंग पर काली धारियां बनी होती हैं और आंखों का रंग अलग होता है. हालांकि सफेद बाघ खान-पान, रहन-सहन सामान्य बाघों की तरह ही होता है.